लिंगायत मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुग पर यौन उत्पीड़न का आरोप, 14 दिन की हिरासत
चित्रदुर्ग
श्री मुरुग मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुग शरनारू को नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में शुक्रवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इसके बाद उन्हें चित्रदुर्ग जिला जेल लाया गया. कल खुली अदालत में पुलिस मुरुग शरनारू की रिमांड मांगेगी. कर्नाटक पुलिस ने गुरुवार को दो नाबालिग लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में मुरुग शरनारू को गिरफ्तार किया है.
कर्नाटक में कानून और व्यवस्था के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार ने कहा, श्री मुरुग मठ के मुख्य पुजारी, शिवमूर्ति मुरुग शरनारू को नाबालिगों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. मुख्य पुजारी का मेडिकल टेस्ट भी किया गया है. इससे पहले एडीजीपी आलोक कुमार ने कहा कि, इस मामले में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. मेडिकल टेस्ट और जांच के बाद आरोपी को जज के सामने पेश किया जाएगा.
पत्रकारों से बात करते हुए चित्रदुर्ग के एसपी परशुराम ने कहा था कि, “हमने श्री मुरुग मठ के प्रमुख यौन को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है. वहीं इस मामले में दूसरे आरोपी से पूछताछ की जा रही है. वह हमारी हिरासत में है. हम पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है. मेडिकल चेकअप के बाद हम आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेंगे.
कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका
मंगलवार को चित्रदुर्ग में जिला सत्र न्यायालय ने मुरुग मठ के मुख्य पुजारी की अग्रिम जमानत याचिका को 1 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया. शिवमूर्ति मुरुग शरनारू के खिलाफ मैसूरु सिटी पुलिस ने दो नाबालिगों की शिकायत के आधार पर POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. इसके मुताबिक दो लड़कियां (उम्र 15 व 16 साल) मठ के स्कूल में पढ़ती थीं. उनके साथ लगातार साढ़े तीन साल तक दुष्कर्म किया गया.
पीड़िता 24 जुलाई को हॉस्टल से भाग गईं और 25 जुलाई को कॉटनपेट पुलिस स्टेशन में मिली. 26 अगस्त को नजरबाद पुलिस स्टेशन में लिंगायत मठ के स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली. हालांकि, स्वामी का कहना है कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. इसके पीछे किसी अंदरूनी शख्स का ही हाथ है.