सरकार का नया प्लान : प्रदेश में पंचायतों को सामाजिक सुरक्षा युक्त, महिला-बाल हितैषी, गरीबीमुक्त बुनियादी तैयार
भोपाल
प्रदेश में पंचायतों को गरीबी मुक्त और आजीविका संपन्न, बाल हितैषी, महिला हितैषी बनाने के साथ गांवों को स्वस्थ, जलयुक्त, स्वच्छ और हरित बनाने, सामजिक रूप से सुरक्षित करने और सुशासन तथा आत्मनिर्भर व बुनियादी ढांचों से युक्त करने के लिए राज्य सरकार ने नया प्लान तैयार किया है। इस प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए पंचायतों और गांवों को पुरस्कृत करने की भी योजना है। पंचायत और ग्रामीण विकास ने इस प्लान पर अमल कर सस्टेनेबिल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) को हासिल करने की भी तैयारी की है।
इस योजना के अंतर्गत पंचायतों के पदाधिकारियों, स्थानीय संगठनों आदि की सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर क्षमता वृद्धि की जानी है और इसका क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। राज्य, जिला और जनपद स्तर पर विषय विशेषज्ञों की सेवाएं लेने की तैयारी है ताकि पंचायतों को लगातार सहयोग किया जा सके। जिलों में ऐसी पंचायतों को चयन करने की कवायद भी शुरू हो गई है जहां उत्कृष्ट काम हुए हैं। इन पंचायतों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तय किए जा रहे हैं और आपस में संवाद के जरिये बाकी पंचायतों में इसे लागू करने पर जोर दिया जाएगा।
पंचायत पदाधिकारियों को इसके लिए प्रदेश के बाहर भी भ्रमण कराया जाएगा। इसके अंतर्गत पंचायतों को सामाजिक रूप से सुरक्षित करने के लिए सभी वर्गों के लोगों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों को पंचायत के विकास कार्य में भागीदार बनाया जाएगा। इसके साथ ही पंचायतों में शहरों जैसे विकास कार्य करने पर भी फोकस किया जाएगा। सरकार का फोकस सबसे अधिक बाल हितैषी और महिला हितैषी पंचायतों के डेवलपमेंट के रूप में होगा क्योंकि शिवराज सरकार महिलाओं और बच्चों के लिए कई कार्यक्रम चला रही है।
इस थीम पर करना होगा काम
इसके लिए एसडीजी (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल) की जो थीम तय की गई है, उसमें गरीबी मुक्त और आजीविका उन्नत गांव, स्वस्थ गांव, बाल हितैषी/बच्चों के अनुकूल गांव, पर्याप्त जलयुक्त गांव, स्वच्छ और हरित गांव, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासन वाला गांव, महिला हितैषी गांव बनाने पर जोर दिया जाएगा और इसके बाद बेस्ट परफार्मर पंचायतों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
प्रोत्साहन के लिए पुरस्कार भी देंगे
सरकार ने तय किया है कि पंचायतों के विकास के लिए तय की इन थीम के टारगेट को हासिल करने के लिए पंचायतों को प्रोत्साहित करने का काम भी किया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों का पुनर्गठन किया गया है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न थीम में अच्छा प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पांचवें वित्त आयोग की अनुशंसा के मुताबिक पुरस्कार देने की तैयारी की गई है। खासतौर पर महिला और बाल हितैषी पंचायतों, स्वच्छ और हरित पंचायतों, जल संतृप्त पंचायतों और आत्मनिर्भर पंचायतों को 50 लाख, 25 लाख और 15 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाने का निर्णय लिया गया है।