November 24, 2024

हुकमचंद मिल की जमीन मामले में स्टे देने से युगलपीठ का इनकार

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 इंदौर
 इंदौर के हुकमचंद मिल जमीन मामले में नगर निगम की तरफ से प्रस्तुत अपील पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में युगलपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। एक घंटे से अधिक समय तक दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने नगर निगम के खिलाफ दिए एकलपीठ के फैसले पर स्टे देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सभी पक्षकारों से नगर निगम की अपील पर जवाब मांंगा है। अगली सुनवाई नवंबर के तीसरे सप्ताह में होगी।

गौरतलब है कि पिछली नगर निगम परिषद के अंतिम सम्मेलन में हुकमचंद मिल की जमीन की लीज निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। मजदूरों ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी। उनका कहना था कि जमीन बेचकर ही मजदूरों का बकाया भुगतान किया जाना है। जमीन की लीज ही निरस्त हो जाएगी तो मजदूरों को भुगतान कैसे होगा। नगर निगम को जमीन की लीज निरस्त करने का अधिकार ही नहीं था। बावजूद इसके लीज निरस्ती का प्रस्ताव पारित किया गया। 15 मार्च 2022 को हाई कोर्ट की एकलपीठ ने नगर निगम के लीज निरस्ती के प्रस्ताव को निरस्त करते हुए माना था कि नगर निगम को हुकमचंद मिल की जमीन की लीज निरस्त करने का अधिकार नहीं था। निगम ने इस आदेश के खिलाफ युगलपीठ में अपील की है।

मजदूरों सालों से हक के लिए भटक रहे – मजदूरों की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट धीरजसिंह पवार ने बताया कि नगर निगम ने एकलपीठ के आदेश पर स्टे मांगा था। हमने इसका विरोध करते हुए शुक्रवार को तर्क रखे कि नगर निगम का आचरण भ्रमित करने वाला है। एक तरफ तो नगर निगम सद्भावना जताता है दूसरी तरफ जमीन की लीज निरस्त करता है। एक तरफ मजदूरों को भुगतान करने की बात की जाती है तो दूसरी तरफ जमीन पर हक जताया जाता है। मजदूर सालों से अपने अधिकार के लिए भटक रहे हैं। निगम जमीन की लीज निरस्त करने के नाम पर मामले को लंबित करना चाहता है। कोर्ट ने बहस सुनने के बाद एकलपीठ के आदेश पर स्टे देने से इनकार कर दिया।

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