September 23, 2024

हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्ति के आदेश निरस्त, कर्मचारियों को सेवा में वापस लेने के निर्देश

0

जबलपुर
 हाईकोर्ट ने कर्मचारियों (High Court Employees) को फिर से बड़ी राहत दी है। दरअसल सुनवाई के बाद महत्वपूर्ण फैसले में जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की सिंगल बेंच ने कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति (compulsory retirement) के आदेश निरस्त कर उसे अनुचित करार दिया है। हाईकोर्ट ने सभी कर्मचारी अधिकारियों को सेवा में वापस लेने के निर्देश दिए हैं।

जबलपुर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल के जबलपुर क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ रहे अनूप कुमार श्रीवास्तव शहडोल में आनंद किशोर दुबे और अन्य की ओर से याचिका दायर की गई थी। जिनकी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मृगेंद्र सिंह, अंशुमन सिंह और अधिवक्ता राहुल मिश्रा ने कोर्ट में दलील पेश की। वही अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहां के सभी याचिकाकर्ता मंडल में विभिन्न पद पर कार्यरत थे लेकिन 19 मई 2022 को एक आदेश जारी कर सभी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई।

नई दिल्ली देश के थे उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा एक समीक्षा समिति भी गठित की गई थी। इस समिति ने अनुमोदन किया कि कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है। इस कारण पेंशन नियम के नियम 42 के तहत उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा रही है।

जिस पर वकील द्वारा दलील पेश की गई कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल के कर्मचारियों पर पेंशन नियम लागू नहीं होती इसलिए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश पूर्ण रूप से अनुचित और अवैध है। जिस पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर 19 मई 2022 को जारी किए गए अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल को सभी कर्मचारी को वापस सेवा में लेने के निर्देश दिए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *