हैरिस ने अगले छह सप्ताह के लिए गाजा में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया
हैरिस ने अगले छह सप्ताह के लिए गाजा में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया
हेली ने वाशिंगटन डीसी में ट्रंप को हराकर पहली प्राइमरी जीत हासिल की
पाकिस्तान में बर्फबारी और बारिश से 27 लोगों की मौत
वाशिंगटन
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने गाजा में कम से कम अगले छह सप्ताह के लिए तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है। उन्होंने इजराइली सरकार से युद्ध से तबाह हुए इलाके में सहायता की आपूर्ति बढ़ाने के लिए ''और प्रयास'' करने की अपील की है।
हैरिस ने अलबामा के सेल्मा में नागरिक अधिकारों के लिए मार्च निकाल रहे लोगों पर हुए हमलों के 59 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। जिस दिन ये हमले हुए थे, उसे 'ब्लडी संडे' (खूनी रविवार) के नाम से जाना जाता है। मतदान के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे कार्यकर्ताओं को 1965 में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने जिस एडमंड पेट्टस ब्रिज पर पीटा था, वहीं यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
हैरिस (59) ने कहा, ''हमास ने इजराइल के लोगों के लिए जो खतरा पैदा किया है, उसे नष्ट किया जाना चाहिए और गाजा में विशाल पैमाने पर हो रही पीड़ा को देखते हुए कम से कम अगले छह सप्ताह के लिए तत्काल युद्धविराम होना चाहिए जिस पर अभी वार्ता हो रही है।'' उन्होंने कहा, ''इससे बंधकों को बाहर निकाल लिया जाएगा और पर्याप्त मात्रा में मदद की आपूर्ति हो सकेगी।''
हैरिस ने कहा, ''हमास का दावा है कि वह युद्धविराम चाहता है। समझौते पर बातचीत जारी है और हमने कहा है कि हमास को उस समझौते पर राजी होना होगा। आइए, युद्ध विराम करते हैं। आइए, बंधकों को उनके परिजन से मिलाते हैं। आइए, गाजा के लोगों को तत्काल राहत मुहैया कराते हैं।''
उन्होंने कहा, ''इजराइली सरकार को सहायता की आपूर्ति को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास करना चाहिए। इसे लेकर कोई बहाना नहीं चल सकता। उन्हें नई सीमाएं खोलनी होंगी। उन्हें सहायता वितरण पर कोई अनावश्यक प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए।''
भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने हैरिस के इस आह्वान का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ''उपराष्ट्रपति ने गाजा में तत्काल युद्धविराम और तत्काल सहायता का आह्वान किया है। यह पहली बार है जब प्रशासन ने ऐसी भाषा प्रयोग की है। यह महत्वपूर्ण है। आइए, अब नीतिगत बदलाव के साथ इसका समर्थन करें।''
हेली ने वाशिंगटन डीसी में ट्रंप को हराकर पहली प्राइमरी जीत हासिल की
वाशिंगटन
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया के तहत हुए वाशिंगटन डीसी (डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया) के प्राइमरी चुनाव में निक्की हेली ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हराकर 2024 की प्रचार मुहिम के दौरान अपनी पहली जीत हासिल की।
हेली को मिली जीत ने ट्रंप के विजयी रथ को अस्थायी रूप से रोक दिया है लेकिन इस सप्ताह होने वाले 'सुपर ट्यूजडे' (महामंगलवार) में पूर्व राष्ट्रपति को बड़ी संख्या में डेलिगेट (मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्टी सदस्य) का समर्थन मिलने की संभावना है।
'सुपर ट्यूजडे' अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के चयन के लिए प्राइमरी चुनाव प्रक्रिया का वह दिन होता है, जब सबसे अधिक राज्यों में प्राइमरी और कॉकस चुनाव होते हैं।
अपने गृह राज्य साउथ कैरोलाइना में पिछले सप्ताह मिली हार के बावजूद हेली ने कहा था कि वह अपनी दावेदारी नहीं छोड़ेंगी।
हेली (51) को 1,274 वोट (62.9 प्रतिशत) मिले, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को 676 वोट (33.2 प्रतिशत) मिले।
इस जीत के बाद हेली को वाशिंगटन डीसी के सभी 19 रिपब्लिकन डेलिगेट का समर्थन मिलेगा। इसी के साथ हेली के पास कुल 43 डेलिगेट का समर्थन हो जाएगा।
ट्रंप को अब तक 244 डेलिगेट का समर्थन मिल चुका है। राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए किसी भी दावेदार को कम से कम 1,215 डेलिगेट के समर्थन की आवश्यकता होगी।
हेली राष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया के तहत रिपब्लिकन पार्टी का प्राइमरी चुनाव जीतने वाली पहली महिला बन गई हैं। वह डेमोक्रेटिक या रिपब्लिकन प्राइमरी जीतने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी भी हैं।
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवार बनने के दावेदार- (2016 में) बॉबी जिंदल, (2020 में) कमला हैरिस और (2024 में) विवेक रामास्वामी एक भी प्राइमरी चुनाव नहीं जीत पाए थे।
इससे पहले, ट्रंप ने इडाहो और मिसौरी में कॉकस में जीत हासिल की थी और मिशिगन में रिपब्लिकन पार्टी के सम्मेलन में सभी का समर्थन प्राप्त किया था।
पाकिस्तान में बर्फबारी और बारिश से 27 लोगों की मौत
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के विभिन्न हिस्सों में हुई मूसलाधार बारिश और बर्फबारी से मरने वालों की संख्या 27 तक पहुंच गई। इनमें 18 बच्चे भी शामिल हैं। डॉन समाचार पत्र ने प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अफसरों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
अधिकारियों ने कहा है कि इसके अलावा पिछले दो दिनों में बारिश और बर्फबारी से 20 बच्चों सहित कम से कम 38 लोग घायल हो गए। इस बीच, गिलगित-बाल्टिस्तान में प्रमुख सड़कें बंद रहीं। इस वजह से हजारों लोग रास्तों में फंसे रहे। कई इलाकों में बिजली, पानी की आपूर्ति के साथ संचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। दूसरी ओर क्वेटा और बलूचिस्तान के अन्य हिस्से ठंड की चपेट में रहे। तापमान शून्य से नीचे चला गया।