श्रीराम वन गमन पथ में आने वाले सिद्धा पहाड़ पर नहीं होगा खनन
भोपाल,
मध्य प्रदेश के सतना (Satna) जिले के चित्रकूट के पास श्रीराम वन गमन पथ (SriRam Van Gaman Path) पर स्थित सिद्धा पहाड़ (Siddha Mountain) पर खनन नहीं होगा। शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। खनन की पर्यावरणीय अनुमति के लिए मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने 30 सितंबर को लोक सुनवाई आयोजित की थी। इसे लेकर भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के स्थानीय नेताओं ने आपत्ति जताते हुए जन आंदोलन की चेतावनी दी थी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने सतना जिला प्रशासन को प्रक्रिया रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी कीमत पर उत्खनन नहीं होगा। सिद्धा पहाड़ जैसी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर के स्थान, जो हमारी आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं, उनकी पवित्रता को अक्षुण्ण रखा जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान ने सतना जिला प्रशासन को उत्खनन संबंधी प्रक्रिया रोकने के निर्देश दिए
सिद्धा पहाड़ क्षेत्र में बाक्साइट, लेटराइट, ओकर व व्हाइट अर्थ माइन के उत्खनन के लिए मेसर्स राकेश एजेंसी ने लोक सुनवाई करवाने के लिए मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आवेदन दिया था। इस प्रक्रिया पर चित्रकूट से कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी और मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने इसे हिंदुओं की धार्मिक आस्थाओं पर चोट करार देते हुए प्रक्रिया को रोकने की मांग की थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने भी कहा था कि सरकार व्यवसायिक हितों के लिए जन आस्था और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। स्थानीय स्तर पर भी विरोध के स्वर उभर रहे थे। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सतना जिला प्रशासन को उत्खनन संबंधी प्रक्रिया रोकने के निर्देश दिए।
यह है मान्यता
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह पहाड़ भगवान श्रीराम के वन गमन पथ का महत्वपूर्ण पड़ाव था। इसका उल्लेख श्रीरामचरितमानस में भी मिलता है। इसके अनुसार श्रीराम अपने वनवास के दौरान जब चित्रकूट से आगे बढ़े तो रास्ते में हड्डियों के ढेर को देखकर प्रश्न किया। उनको बताया गया कि यह उन संत-महात्माओं की अस्थियां हैं, जिनका राक्षसों ने वध कर दिया है। तब श्रीराम ने इसी जगह पर प्रण किया था कि वे राक्षसों का समूल नाश करेंगे।