November 28, 2024

अहम प्रौद्योगिकियों में दकोरिया के साथ साझेदारी का विस्तार चाहता है भारत: जयशंकर

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अहम प्रौद्योगिकियों में दकोरिया के साथ साझेदारी का विस्तार चाहता है भारत: जयशंकर

बाइडन और ट्रंप ने 'सुपर ट्यूजडे' प्राइमरी चुनाव में मारी बाजी, हेली पर दौड़ से हटने का दबाव बढ़ा

टेक्सास में भीषण आग से 10 लाख एकड़ भू भाग प्रभावित, सैकड़ों जानवर और घर जले

सियोल
 विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत, दक्षिण कोरिया के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक समसामयिक बनाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, सेमीकंडक्टर और हरित हाइड्रोजन जैसे नये क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करना चाहता है।

जयशंकर ने अपने समकक्ष चो ताये-यूल के साथ 10वीं भारत-दक्षिण कोरिया संयुक्त आयोग बैठक (जेसीएम) की सह-अध्यक्षता के दौरान यह बात कही।

जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दक्षिण कोरिया के दौरे के वक्त द्विपक्षीय संबंध विशेष रणनीति साझेदार की ऊंचाई पर पहुंचे थे।

विदेश मंत्री ने कहा, ”यह जरूरी है कि हम उसे बनाए रखें। बीते वर्षों में हम और मजबूत हुए हैं। हम वास्तव में एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण भागीदार बन गए हैं और हमारा द्विपक्षीय आदान-प्रदान, व्यापार, निवेश, रक्षा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग में तेजी से वृद्धि हुई है और हमने सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों में गतिशीलता बनाए रखी है।”

उन्होंने कहा, ”अब हम अपने संबंधों को और अधिक समसामयिक बनाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, सेमीकंडक्टर, हरित हाइड्रोजन, मानव संसाधन गतिशीलता, परमाणु सहयोग आदि नये क्षेत्रों में विस्तार करने में रुचि लेंगे।”

उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विचारों में बढ़ती समानता देखी है। उन्होंने कहा, ''हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित करना अहम है…।”

जयशंकर ने कहा कि उन्होंने बहुत आशावादी होकर और उम्मीद से संयुक्त आयोग का रुख किया है। उन्होंने कहा, ”मैं जानता हूं कि हमारे बीच अच्छा मित्रभाव है। हमारी चुनौती इसे व्यावहारिक परिणामों में तब्दील करना है।”

उन्होंने कहा, ” हमारे नेता पिछले साल हिरोशिमा और नयी दिल्ली में दो बार मिल चुके हैं। मुझे लगता है कि उनकी चर्चाओं ने हमें आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया है।” जयशंकर ने दिसंबर में विदेश मंत्री पद पर नियुक्ति के लिए चो को बधाई भी दी।

बाइडन और ट्रंप ने 'सुपर ट्यूजडे' प्राइमरी चुनाव में मारी बाजी, हेली पर दौड़ से हटने का दबाव बढ़ा

वाशिंगटन
 अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए देशभर के 15 राज्यों में हुए अपनी-अपनी पार्टी के प्राइमरी चुनावों में जीत हासिल करने में कामयाब रहे, जिससे इस साल नवंबर में दोनों नेताओं के बीच एक बार फिर से आमना-सामना होने का मार्ग प्रशस्त होता प्रतीत हो रहा है।

साथ ही भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली पर अपनी दावेदारी को छोड़ने का दबाव बढ़ गया है।

राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बाइडन और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से ट्रंप को प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

'सुपर ट्यूजडे' के चुनाव परिणामों के बाद 77 वर्षीय ट्रंप को डेलिगेट्स (मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्टी सदस्य) की गणना में अहम बढ़त मिलने की उम्मीद है। एक बार फिर से राष्ट्रपति पद पर काबिज होने की इच्छा रख रहे बाइडन(81) लगभग सभी डेमोक्रेट प्राइमरी राज्यों में जीत हासिल करने में कामयाब रहे।

बाइडन को अमेरिकी सामोआ में जेसन पामर के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा।

सीएनएन की खबर के मुताबिक, ”जो बाइडन को प्राइमरी चुनाव में किसी मुश्किल चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा और उन्होंने अभी तक सभी डेमोक्रेट प्राइमरी चुनावों में जीत हासिल की।”

सीएनएन ने उम्मीद जताई है कि बाइडन और ट्रंप के बीच नवंबर में एक बार फिर से आमना-सामना होने की उम्मीद है।

संयुक्त राष्ट्र (संरा) में अमेरिका की पूर्व राजदूत 52 वर्षीय निक्की हेली वर्मोंट में भारी समर्थन मिलने के बावजूद कोई बड़ी छाप छोड़ने में नाकाम रहीं। हेली ने वर्मोंट प्राइमरी में जीत हासिल की थी।

हेली की जीत से हालांकि ट्रंप पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी हासिल करने के लिए दोनों उम्मीदवारों को 1215 डेलीगेट्स की जरूरत है, जिन्हें प्राइमरी के दौरान निर्वाचित किया गया था।

'सुपर ट्यूजडे' से पहले ट्रंप के खाते में 244 और हेली के खाते में सिर्फ 43 डेलीगेट्स थे।

टेक्सास में भीषण आग से 10 लाख एकड़ भू भाग प्रभावित, सैकड़ों जानवर और घर जले

वॉशिंगटन
अमेरिका के टेक्सास राज्य लगी भीषण आग ने 10 लाख एकड़ जितने बड़े भू भाग को अपनी चपेट में ले लिया है जिससे हजारों घर और जानवर भी जल गए हैं। यही नहीं, आग बुझने के बाद अब इसके निशान भी टेक्सास राज्य में दूर-दूर तक दिखाई दे रहे हैं।

टेक्सास पैनहैंडल के जंगलों में आग लग गई थी, जिसके कारण लोगों को प्रभावित क्षेत्र छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा। इसके कारण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति काट दी गई, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए। इसके अलावा एक परमाणु हथियार इकाई को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा। क्योंकि तेज हवाओं, सूखी घास और बेमौसम गर्म तापमान के चलते आग तेजी से फैल रही थी। इस आग को स्मोकहाउस क्रीक फायर भी कहा जा रहा है। जंगल में लगी आग के कारण जानवर की जान भी चली गई।

स्मोकहाउस क्रीक में लगी आग टेक्सास के इतिहास की सबसे बड़ी है। इस आग ने टेक्सास राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया है। फिलहाल आग बुझाने के बाद पीड़ितों की मदद की जा रही है। बता दें कि इस आग की चपेट में आने से 10 लाख एकड़ से अधिक इलाका जलकर खाक हो चुका है। हालांकि इन जगहों पर राहत व बचाव काम तेजी से जारी है।

 

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