कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु जल संकट से जूझ रहा, बने पानी के नए नियम, न कार धोये, न पौधों को सींचें
बेंगलुरु
भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाली कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु जल संकट से जूझ रहा है। नौबत यहां तक आ गई है कि बोर्ड को कार की धुलाई, बगीचे के पौधों को पानी देने जैसी गतिविधियों पर भी रोक लगाने के फरमान जारी कर दिए हैं। इतना ही नहीं, अगर आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। बेंगलुरु वॉटर सप्लाई एंड सीवेज बोर्ड यानी BWSSB की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं। इनमें कहा गया है कि पेयजल का इस्तेमाल गाड़ी धोने, निर्माण या फव्वारे जैसे मनोरंजन में करने पर पाबंदी लगाई गई है। आदेश का पालन नहीं करने पर 5000 रुपये जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। वहीं, अगर कोई बार-बार इसका उल्लंघन करता है, तो रोज 500 रुपये अतिरिक्त वसूले जाएंगे। आदेश में कहा गया है, 'BWSSB एक्ट 1964 के अनुच्छेद 33 और 34 के तहत हमने गैर-जरूरी कामों में पेयजल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।' बोर्ड ने 1916 के रूप में एक नंबर भी जारी किया है। इसके जरिए अगर नागरिक कहीं पर आदेश का उल्लंघन देखते हैं, तो शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
टैंकरों की कीमतों पर लगाम
गुरुवार को ही कर्नाटक सरकार ने आदेश जारी पानी के निजी टैंकरों की कीमतों पर लगाम लगाने की बात कही है। खास बात है कि इससे पहले 6 हजार लीटर का टैंक 450 से 600 रुपये में मिल जाता था, लेकिन स्थिति बिगड़ने के साथ ही कीमतें 2000 रुपये से 3000 रुपये तक पहुंच गईं हैं। इसके चलते ही सरकार ने कीमतें तय कर दी हैं।
इलाकों में होगी गश्त
इतना ही नहीं बोर्ड के चेयरमैन राम प्रसाद मनोहर ने आदेश के उल्लंघन को लेकर कहा कि हमने मीटर रीडर्स को इलाकों में गश्त के लिए कहा है। उन्होंने बताया, 'हमने नागरिकों से भी किसी दुरुपयोग के बारे में जानकारी देकर पानी बचाने में मदद करने की अपील की है। नागरिक हमें जानकारी दे सकते हैं और हम तत्काल कार्रवाई करेंगे।'
टैंकर की नई कीमतें
नए नियमों के तहत 5 किमी के दायरे में 6 हजार लीटर के टैंकर की कीमत 600 रुपये, 8000 लीटर की 700 रुपये और 12000 लीटर की 1 हजार रुपये है। वहीं, 5 किमी से ज्यादा और 10 किमी से कम दूरी पर दरें 750 (6 हजार लीटर), 850 रुपये (8 हजार लीटर) और 1200 रुपये (12 हजार लीटर) तय की गई हैं।