September 26, 2024

दरभंगा में लहेरियासराय के रामनगर स्थित महिला आईटीआई के ठीक बगल में आइटी पार्क बनकर तैयार

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दरभंगा
दरभंगा में लहेरियासराय के रामनगर स्थित महिला आईटीआई के ठीक बगल में आइटी पार्क बनकर तैयार हो चुका है। भवन निर्माण विभाग के सूत्रों की मानें तो मार्च के अंत तक इसे संबंधित विभाग के सुपुर्द कर दिया जायेगा। ऐसी स्थिति में अब सिर्फ उद्घाटन का इंतजार है। निर्माण एजेंसी का कहना है कि कार्य पूरी तरह से पूर्ण हो चुका है। ऐसे में अब सिर्फ उद्घाटन के लिए तिथि निर्धारित करना शेष रह गया है। लगभग 9.28 करोड़ की लागत से आइटी पार्क का निर्माण कराया गया है। इसका नाम सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क आफ इंडिया (एसटीपीआई) रखा गया है। यहां विदेशों की डेढ़ दर्जन से अधिक कंपनियां इस पार्क में अपना ऑफिस खोलेंगी। यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा आइटी पार्क है। इसे पूरी तरह से हाइटेक बनाया गया है। इसके अंदर लग्जरी सुविधाएं बहाल की गई है, जो बैंगलुरू के आइटी पार्क के समान है।

इसका निर्माण लेटेस्ट टेक्नोलाजी के साथ कराया गया है। ऐसी स्थिति आइटी से जुड़े लोगों को अब दूसरे जगह जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका लाभ दरभंगा सहित पूरे मिथिलांचल और सीमांचल के आइटी सेक्टर से जुड़े युवाओं को मिलेगा। यहां सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था की गई हैं। इसके खुलने से दरभंगा में ऐप डेवलपमेंट के साथ साफ्टवेयर आर्किटेक्ट इंजीनियरों की रोजगार बढ़ने की उम्मीद बढ़ी है। बता दें कि दो एकड़ के परिसर में आइटी पार्क का निर्माण कार्य वर्ष 2021 के मार्च माह में शुरू हुआ था।

आइटी पार्क में अधिकारियों के लिए भी कक्ष सुरक्षित
आइटी पार्क के लिए दो मंजिल भवन का निर्माण कराया गया है। इसमें चार अधिकारियों के लिए तीन केबिन, एक कान्फ्रेंस रूम, दो गेस्ट रूम, एक नेटवर्क आपरेटर सेंटर, एक यूपीएस और एक पैनल के लिए कक्ष सुरक्षित किया गया है। ऊपरी मंजिल पर दो केबिन की सुविधा बहाल की गई है। पूरे परिसर में फाइव-जी इंटरनेट की सुविधा बहाल की जाएगी।

बताया जाता है कि इसके उद्घाटन होने से सबसे अधिक लाभ आइटी इंजीनियरों को होगा। अब यहां के लोगों को आइटी सेक्टर के जाब के लिए बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे महानगरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के साइड इंजीनियर विजय कुमार सिंह ने बताया कि आइटी पार्क के निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया है। हर हाल में 31 मार्च से पहले इसे विभाग को सौंप दिया जाएगा।

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