झारखंड: एक विधायक ने बजाया तबला तो दूसरे ने गाया गीत, रायपुर में रोज सज रही संगीत की महफिल
चक्रधरपुर
अपने घर से दूर रायपुर के मेफेयर रिसोर्ट में कैद झामुमो-कांग्रेस के विधायक एक दूसरे से सामना होते ही हमसे क्या भूल हुई, जो हमको ये सजा मिली …. गीत गुनगुना कर अपनी व्यथा व्यक्त कर रहे हैं। अब आलम यह हो चला है कि हर विधायक के लबों पर इसी गीत के बोल हैं। इधर विधायकों ने गुरूवार और शुक्रवार की शाम संगीत संध्या के साथ मन बहला कर गुजारी। संगीत संध्या का आनन्द लेने के दौरान विधायक प्रदीप यादव ने तबला पर हाथ आजमाए, तो विधायक अंबा प्रसाद ने माइक थाम कर एक के बाद एक कई गीत प्रस्तुत कर अपनी सुरीली आवाज से साथी विधायकों को चौंकाया।
मोबाइल पर बात करते हुए एक विधायक ने दिनचर्या बयान करते हुए बताया कि कितना भी आलीशान भवन हो, कितने भी ठाठ हो, अपने घर की तुलना में सब बेमानी है। चारदीवारी में कैद होना किसे अच्छा लगता है, लेकिन मजबूरी में ये सब भी करना पड़ता है। उन्होंने भाजपा नेताओं के बयानों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हार्स ट्रेडिंग का उनका मंसूबा पूरा नहीं हुआ, तो अब उल्टी सीधी बातें कही जा रही है। विधायक ने कहा कि अपने पूरे जीवनकाल में उन्होंने अपने कच्छे बनियान स्वयं नहीं धाये। यहां ये सब भी उन्हें ही रोज करना पड़ रहा है।
विशेष सत्र होगा हर मामले में विशेष
सत्ताधारी विधायकों की मानें तो 5 सितंबर को आहूत विशेष सत्र राज्य के लिए हमेशा याद रखने वाला बन जाएगा। कहा यह जा रहा है कि 1932 के खतियान को लेकर निर्णायक फैसला होगा। शिक्षा व नियोजन में प्राथमिकता का कानून बनेगा। इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण फिर से 27 प्रतिशत किया जाएगा। अन्य कई बड़े फैसले की बात भी कही जा रही है। बहरहाल विधायकों द्वारा स्वयं को पांच सितारा जेल में मजबूरी वश कैद होने की बात कहते हुए पांच सितंबर के विशेष सत्र का बेसब्री से इंतजार होने की बात कही जा रही है।