November 25, 2024

विदाई के वक्त दुल्हन चावल क्यों फेंकती है? फिर पलटकर पीछे नहीं देखती, जानें इस प्रथा की वजह

0

 हिंदू सनातन धर्म में अलग अलग रश्म और मान्यता है. शादी विवाह में भी कई तरह के रश्म निभाए जाते है. हर रश्म के अलग -अलग मान्यता होती है. मगर क्या आप जानते है कि विवाह के पश्चात दुल्हन अपनी पिता के दहलीज को जब लांघती है, तो बिना पीछे पलटे चावल क्यों छींटती है?. इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे की आखिर ऐसा क्यों होता है.

गोस्वामी तुलसीदास के चौपाई पुत्रि पवित्र किये कुल दोऊ, सुजस धवल जगु कह सब कोऊ के अनुसार पुत्री दो कुल को पवित्र करती है. एक पिता की और दूसरा अपने पति की करती है. इसीलिए बिना समझे बेटे और बेटियों में समानता साथापित नहीं किया जा सकता है. बेटियों को शास्त्रों में लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है. शादी विवाह में कई रश्म निभाए जाते है. मगर इसके कुछ कारण होते है.वहीं, दुल्हन विवाह के पश्चात विदाई के समय चावल के साथ सिक्के को पीछे बिना देखे छीटती है,जो की हमारे यहां लोकाचार्य है.

मायके का सौभाग्य लेकर नहीं जाए
आगे बताया कि बेटियां घर की लक्ष्मी होती है. जब वहीं विदाई में बेटी किसी और के घर जा रही है.तो पिता के घर में अन्न धन की कमी न हो इसीलिए बिना पीछे पलटे चावल के साथ छिटंती है. इसके साथ ही पुत्री के हाइट की रस्सी को भी घर में रखा जाता है. ताकि लक्ष्मी हमारे पास ही रहे. ये हमारे पूर्वजों द्वारा दिया हुआ रश्म है. जिसे आज भी लोग निभाते है. इसका तात्पर्य यह होता है कि वह लक्ष्मी स्वरुप अपने साथ मायके का सौभाग्य लेकर नहीं जाए. मायके में हमेशा अन्न और धन से भरा रहे.

यह एक प्रकार है टोटका
इसके अलावा एक लोकाचर्य यह भी है कि विदाई के बाद घर से कुछ दूर भाई द्वारा दुल्हन को पानी का कुल्ला कराया जाता है. इसके साथ ही अपने घर की ओर देखने को कहा जाता है. इसका यह मान्यता है कि मायके से दुल्हन का स्नेह कम न हो और अपना घर वापस आने का भाव मिलता है. विदाई के बाद दुल्हन कुछ कंकड़ अपने गांव के सिरहाने फेंखती है. इससे पहले वो कंकड़ को अपने सिर पर फेरती है. जिसका तात्पर्य है कि अगर हमारे ऊपर कोई दुर्गुण शक्तियां है तो वो यहीं रह जाए. यह एक प्रकार का टोटका होता है. इसके बाद दुल्हन बिना पीछे देखे अपने ससुराल चली जाती है. ताकि जो भी दुर्गुण शक्तियां है वो उसपर फिर से हावी न हो और अपना निगाह न डाल सके.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *