November 16, 2024

आइसलैंड में फटा भयानक ज्वालामुखी, शहर में बह रहा आग का दरिया, हेलीकॉप्टर से निकाले गए लोग

0

रेजेविक.

आइसलैंड के रेजेंस प्रायद्वीप में एक बड़े ज्वालामुखी विस्फोट के बाद देश के दक्षिणी हिस्से में आपातकाल लागू कर दिया गया है। इसे इलाके का सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट बताया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ज्वालामुखी का लावा बहकर ग्रिंडाविक शहर तक पहुंच गया है। लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर ब्लू लैगून और ग्रिंडाविक शहर को खाली करा लिया गया है।

दिसम्बर के बाद इस रेजेंस प्रायद्वीप में ज्वालामुखी विस्फोट की ये चौथी घटना है। इसके पहले 8 फरवरी को भी यहां ज्वालामुखी फट पड़ा था। हालांकि, आइसलैंड का हवाई क्षेत्र अभी खुला हुआ है, लेकिन लावा से निकल रहा धुआं इसमें भर रहा है। आइसलैंड की सिविल डिफेंस सर्विस के अनुसार, विस्फोट शनिवार को स्थानीय समयानुसार शाम को 8 बजे ग्रिंडविक के उत्तर में होगाफेल और स्टोरा-स्कॉगफेल के बीच हुआ था। ये वही जगह हैं, जहां पर 8 फरवरी को विस्फोट हुआ था। विस्फोट के जो फुटेज सामने आ रहे हैं, उसमें धुएं के बादल और चमकता और उबलता हुआ मैग्मा धरती के अंदर से निकलता दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, केफ्लाविक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और अन्य क्षेत्रीय हवाई अड्डे विस्फोट से प्रभावित नहीं हुए हैं।
भूवैज्ञानिक मैग्नस टुमी गुडमंडसन के हवाले से बताया कि शनिवार का विस्फोट अब तक का सबसे शक्तिशाली विस्फोट था। मैग्नस उन लोगों में हैं, जिन्हें इलाके से हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित बाहर लाया गया था। लावा का दो बहाव पश्चिम और दक्षिण की ओर बढ़ रहा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि लावा का एक हिस्सा ग्रिंडविक की पूर्वी रक्षा दीवारों तक पहुंच गया है।

जानें विस्फोट की पूरी टाइमलाइन
इसके पहले ग्रिंडाविक को नवम्बर में खाली करा लिया गया था, जब स्वार्टसेंगी ज्वालामुखी 800 सालों के बाद जागृत हो गया था। इसके बाद शहर के उत्तर में जमीन में बड़ी दरार आ गई थी। आखिरकार 18 दिसम्बर को ज्वालामुखी फट गया था, जिससे लावा ग्रिंडाविक से दूर बहने लगा था। शहर की सुरक्षा के लिए रक्षा दीवार बनाई थी। 14 जनवरी को दूसरा विस्फोट हुआ था और लावा शहर की रक्षा दीवार तक पहुंच गया। दीवार ने कुछ प्रवाह को रोक दिया था लेकिन कई इमारतें लावा की चपेट में आकर राख हो गई थी।

आइसलैंड में महीनों तक भूकंप के बाद फटा ज्‍वालामुखी
तीसरा विस्फोट 8 फरवरी को शुरू हुआ। यह कुछ ही घंटों में शांत हो गया, लेकिन इससे पहले लावा की नदी ने पाइपलाइन को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे हजारों लोगों को गर्म पानी मिलना बंद हो गया था। आइसलैंड ज्वालामुखी के नजरिए से बहुत ही संवेदनशील है। देश में कई सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र हैं, जिसमें आए दिन ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं और यहां उनसे निपटने के लिए पर्याप्त अनुभव है। हाल के दिनों में सबसे विनाशकारी घटना 2010 में हुआ विस्फोट था, जब वायुमंडल में राख के विशाल बादल फैल गए थे, जिससे यूरोप में बड़े पैमाने पर हवाई क्षेत्र बंद हो गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *