MPCA के कार्यक्रम में कैलाश को हाथ पकड़ मंच पर ले गए सिंधिया
इंदौर
एमपीसीए के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयर्गीय के साथ मजबूत होते संबंध सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिए। एक महीने में दूसरी मुलाकात ने भविष्य की सियासत के नए संकेत दिए हैं। मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के बीच नई जुगलबंदी देखने को मिल रही है। एमपीसीए के कार्यक्रम में मंच से नीचे बैठे बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को हाथ पकड़कर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मंच ले गए और अपने साथ बैठाया। इसके बाद एमपी की राजनीति में कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। कुछ दिन पहले भी ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे को लेकर कैलाश विजयवर्गीय के घर गए थे। वहीं, विजयवर्गीय को लेकर एमपी की राजनीति में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी 2023 के पहले उन्हें प्रदेश में कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।
कभी एक दूसरे के विरोधी थे विजयवर्गीय और सिंधिया
कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी एक दूसरे के बड़े विरोधी थे। लेकिन सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद दोनों के बीच संबंध सुधरने शुरू हो गए हैं। सिंधिया केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार इंदौर आने पर विजयवर्गीय से मिलने उनके घर गए थे। इसके बाद कुछ दिन पहले भी सिंधिया बेटे महाआर्यमन के साथ विजयवर्गीय के घर पहुंचे और उनके यहां खाना भी खाया। मीडिया से बात करते हुए सिंधिया ने कहा था कि यह पारिवारिक मित्रता है। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, विजयवर्गीय के मार्गदर्शन में काम करुंगा। सिंधिया के बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले गए थे।
संगठन में बदलाव की अटकलें
नगर निगम चुनाव के बाद से ही प्रदेश संगठन में बदलाव की चर्चा तेज है। जानकारों का कहना है कि बीजेपी प्रदेश संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव हो सकता है। इसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को बदलने को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि पार्टी की तरफ से इस तरह की चर्चाओं को गलत बताया जा रहा है।
रणजी टीम को किया सम्मानित
इंदौर में शनिवार शाम को एमपीसीए के कार्यक्रम में मध्यप्रदेश टीम के पहली बार रणजी ट्राफी जीतने पर पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपये के पुरस्कार बांटे गए। चार करोड़ रुपये का चेक रणजी ट्रॉफी चैंपियन मध्यप्रदेश टीम और कोच को दिया गया। वहीं, प्रत्येक चयनकर्ता को साढ़े सात लाख रुपये दिए गए हैं। इस अवसर पर पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान अनिल कुंबले, बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले, एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।