14 दिन में पुलिस नहीं कर सकी गिरफ्तारी
भोपाल।
आरजीपीवी में हुए घोटाले की गूंज प्रदेश भर में हो रही है। लेकिन घोटाले के मुख्य कर्ताधर्ता रजिस्ट्रार राजपूत गायब हैं। न तो वह ऑफिस आ रहे हैं और न ही वह घर पर हैं। उनके घर पर ताला लगा हुआ है। संभावना है कि वह विदेश भाग गए हैं। उनका बेटा जर्मनी में पढ़ता है। इसके साथ ही एक अन्य आरोपी जोकि रिटायर्ड हैं। वह भी फरार हैं। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जुटी हुई है।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए करोडों रुपये के एफडीआर घोटाले के आरोपी रजिस्ट्रार आरएस राजपूत जर्मनी भाग गया है। इसके साथ वित्त नियंत्रक रिषीकेश वर्मा भी पुलिस ही गिरफ्त से बाहर बना हुआ है। प्रकरण दर्ज हुए 14 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पुलिस किसी की भी गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। आरजीपीवी में हुए करोड़ों रुपये की एफडीआर के फ्रॉड में तीन मार्च को गांधी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।
प्रकरण दर्ज हुए करीब दो सप्ताह का समय बीतने को है, लेकिन पुलिस अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इसके चलते आरापियों ने फरार होना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक रजिस्ट्रार राजपूत का बेटा जर्मनी में पढ़ता है। वे तकनीकी शिक्षा विभाग को सूचना दिए बिना ही जर्मनी अपने बेटे के पास पहुंच गए हैं। हालांकि उन्होंने प्रकरण के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जो खारिज हो चुकी है। इसके चलते उनकी गिरफ्तारी होना तय था। इसलिये उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ जर्मनी भागना उचित समझा।
निलंबन के बाद नहीं दी उपस्थिति
फ्रॉड करने पर राजपूत को विभाग ने निलंबित कर दिया था। उनका मुख्यालय तकनीकी शिक्षा संचालनायल बनाया गया था, लेकिन उन्होंने निलंबन के बाद की उपस्थिति संचालनालय में दर्ज नहीं कराई है। इससे संचालनायल भी उनकी तलाश में लगा हुआ है, ताकि उनके खिलाफ आगामी कार्रवाई पूर्ण की जा सकें।
रिटायर्ड वर्मा भी भोपाल छोड़ने की जुगत में
वित्त नियंत्रक रिषीकेश वर्मा अपने पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसलिये वे शासन की पहुंच से बाहर हो चुके हैं। ऐसा बताया गया है कि समय रहते पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं करती है, तो वे भी भोपाल छोड़ सकते हैं। सवाल यह उठ रहा है कि अब तक इनकी गिरफ्तारी क्यों नही हुई।