उत्तर कोरिया ने जापान के समुद्र की ओर तीन मिसाइलें दागीं
उत्तर कोरिया ने जापान के समुद्र की ओर तीन मिसाइलें दागीं
बिना पासपोर्ट टोरंटो पहुंची पाकिस्तानी एयरहोस्टेस पर 200 कनाडाई डॉलर का जुर्माना
मालदीव के चुनावों के लिए मतपेटियां भारत, श्रीलंका, मलेशिया में भी रखी जाएंगी
टोक्यो
उत्तर कोरिया ने 50 किलोमीटर की ऊंचाई पर 350 किलोमीटर तक उड़ान भरने वाली तीन मिसाइलें जापान के समुद्र की ओर दागीं है। क्योदो समाचार एजेंसी ने जापान के रक्षा मंत्रालय के हवाले से यह जानकारी दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों मिसाइलें जापान के समुद्र में गिरीं।
इससे पहले दिन में, योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि उत्तर कोरिया ने जापान के सागर की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी। इस साल यह बैलिस्टिक मिसाइल का दूसरा प्रक्षेपण था। पिछला 14 जनवरी को हुआ था। उत्तर कोरियाई राज्य संचालित समाचार एजेंसी केसीएनए ने फरवरी के मध्य में बताया कि प्योंगयांग ने सतह से समुद्र तक मार करने वाली एक नई मिसाइल, पदासुरी-6 का परीक्षण किया था। दक्षिण कोरियाई ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने उसी दिन कहा कि उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट से जापान सागर की ओर कई अनिर्दिष्ट क्रूज मिसाइलें दागी थीं।
बिना पासपोर्ट टोरंटो पहुंची पाकिस्तानी एयरहोस्टेस पर 200 कनाडाई डॉलर का जुर्माना
कराची,
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के साथ कार्यरत एक एयर होस्टेस बिना अपने पासपोर्ट के इस्लामाबाद से टोरंटो पहुंचने पर उस पर कनाडा के अधिकारियों ने 200 कनाडाई डॉलर का जुर्माना लगाया है।
जानकारी के अनुसार यह घटना 15 मार्च की है जब पीआईए एयर होस्टेस विमान पीके-781 पर ड्यूटी के लिए जाते समय अपना पासपोर्ट ले जाना भूल गई। यह विमान टोरंटो जाने वाला था। जिसके बाद 'पीआईए की एक एयर होस्टेस ने इस्लामाबाद से टोरंटो तक बिना पासपोर्ट यात्रा की। विमान लैंड होने के बाद लापरवाही का पता चला और कनाडा के अधिकारियों ने उस पर 200 कनाडाई डॉलर (लगभग 42000 पाकिस्तानी रुपये) का जुर्माना लगाया।
पीआईए के प्रवक्ता ने कर्मचारी की पहचान गोपनीय रखते हुए कहा कि वह कराची हवाई अड्डे पर ही अपना पासपोर्ट भूल गई थी। प्रवक्ता ने कनाडा में एयर होस्टेस के राजनीतिक शरण मांगने संबंधी खबरों का खंडन करते हुए कहा कि वह पीके-782 से पाकिस्तान लौट रही है। हाल के सप्ताह के दौरान पीआईए के 10 से ज्यादा कर्मी कनाडा पहुंचने के बाद लापता हो चुके हैं।
मालदीव के चुनावों के लिए मतपेटियां भारत, श्रीलंका, मलेशिया में भी रखी जाएंगी
माले,
मालदीव के निर्वाचन आयोग के अनुसार आगामी संसदीय चुनावों के लिए मतपेटियां भारत, श्रीलंका और मलेशिया में भी रखी जाएंगी। निर्वाचन आयोग ने कहा कि मालदीव के 11,000 लोगों ने अपने मतदान केंद्रों को स्थानांतरित करने के लिए पुन: पंजीकरण का अनुरोध किया है।
आयोग की अधिसूचना का हवाला देते हुए मीडिया की खबरों में कहा गया है कि 21 अप्रैल के संसदीय चुनावों के लिए लोगों को अपने मतदान केंद्रों को स्थानांतरित करने के संबंध में दी गई छह दिन की अवधि शनिवार को समाप्त हो गई। आयोग ने कहा कि मालदीव के चुनावों के लिए मतपेटियां केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम, श्रीलंका के कोलंबो और मलेशिया के कुआलालंपुर में भी रखी जाएंगी, क्योंकि तीनों देशों में से प्रत्येक में कम से कम 150 लोग मतदान करने के लिए पुन: पंजीकरण कराएंगे।
निर्वाचन आयोग के महासचिव हसन जकारिया ने कहा, ''पहले की तरह, श्रीलंका और मलेशिया में कई लोगों ने पंजीकरण कराया है। भारत के तिरुवनंतपुरम में 150 लोगों ने पंजीकरण कराया है, इसलिए हमने वहां एक मतपेटी रखने का फैसला किया है।''
निर्वाचन आयोग को इस अवधि के दौरान विभिन्न मतदान केंद्रों पर पुन: पंजीकरण का अनुरोध करने वाले 11,169 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। 'एडिशन डॉट एमवी' समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, आयोग ने 1,141 फॉर्म खारिज कर दिए, जिसके बाद पंजीकरण के लिए कुल आवेदन 10,028 हैं।
पिछले चुनावों की तुलना में इस साल पुन: पंजीकरण कराने वालों की संख्या कम होने का जिक्र करते हुए जकारिया ने कहा कि ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और थाईलैंड में मतदान नहीं होगा।
मालदीव में संसदीय चुनाव रविवार को होने थे, हालांकि, रमजान के महीने के दौरान चुनाव कराने से परहेज करने के लिए एक अधिनियम में संशोधन के बाद चुनाव की तारीख टाल दी गई। संसदीय चुनाव अब 21 अप्रैल को होने हैं। मालदीव की 93 संसदीय सीटों के लिए कुल 389 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
सबसे अधिक संख्या में उम्मीदवार भारत समर्थक मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) से हैं-जो 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके बाद प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) का सत्तारूढ़ गठबंधन है, जो 89 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।
चीन समर्थक माने जाने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पिछले साल भारत विरोधी रुख के साथ सत्ता में आए थे। वह पीएनसी से जुड़े हैं।