November 27, 2024

लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी, मां के साथ चुनाव प्रचार में दिखीं अखिलेश यादव की बेटी अदिति

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मैनपुरी
लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी है। ऐसे में राजनीतिक दलों और प्रत्‍याशियों ने जोर शोर से चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। इस बीच मैनपुरी में चुनाव प्रचार के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की बेटी अदिति भी अपनी मां डिंपल यादव के साथ दिखाई दीं। इस बारे में जब डिंपल यादव से पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि सभी को जीवन में सभी तरह के अनुभव लेने चाहिए। बच्चे घर आए हैं, चुनावी उत्सव को देखने के लिए वे उनके साथ मैनपुरी में हैं।बता दें कि अदिति विदेश में पढ़ाई कर रही हैं। उन्‍होंने डिंपल यादव के साथ सुल्तानगंज में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लिया। अदिति पहले भी लखनऊ में राजनीतिक कार्यक्रमों में नजर आ चुकी हैं। अब वे अपनी मां के साथ मैनपुरी के चुनाव प्रचार में साथ दिख रही हैं।

80 सीटें जिताओ, नौकरी और महिला सुरक्षा पाओ
सुल्तानगंज में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने पहुंची सांसद डिंपल यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नया नारा दिया। कहा कि लोकसभा की 80 सीटें जिताओ और नौकरी पाओ, महिला सुरक्षा पाओ। उन्होंने भाजपा पर बार किया और कहा कि भाजपा मुद्दों से भटकाने वाली राजनीति कर रही है।

राहुल गांधी के बयान का किया बचाव
उन्होंने राहुल गांधी के बयान का बचाव करते हुए दावा किया कि यूपी में महिला अपराध का रेट 50 फीसदी बढ़ गया है। रेप, हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सांसद डिंपल यादव ने कार्यकर्ताओं से संवाद करने के बाद कहा कि मैनपुरी में सपा का साथ पूरा जिला देने के लिए तैयार है। बीजेपी अब तक अपना प्रत्याशी नहीं ढूंढ पाई है। जनता से झूठे वायदे करने वाली बीजेपी जनता को ये भी बताए कि उसे मैनपुरी में प्रत्याशी क्यों नहीं मिल रहा।

उन्होंने कहा कि धर्म की राजनीति करने वाले लोग स्वास्थ्य, शिक्षा पर भी बात करें। सभी लोग धार्मिक होते हैं, नेताजी भी धार्मिक थे, अखिलेश भी धार्मिक हैं लेकिन दिखावा नहीं होना चाहिए। दिल में करुणा का भाव हो, लोगों की मदद करने का जज्बा हो, ये भी प्रत्येक के जीवन की महत्वपूर्ण बात है। उन्होंने पार्टी के महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के 80 में से 40 सीटें जीतने वाली बात का बचाव किया और कहा कि गठबंधन दल को 17 सीट दी गई हैं, शेष सीटों पर सपा लड़ रही है। अब जनता को 80 सीटें जिताकर नौकरी और महिला सुरक्षा के लिए लड़ना होगा।

 

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