September 27, 2024

रामलला के दर्शन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने बताया राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय

0

बिलासपुर.

रामलला के दर्शन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। बीते दिनों चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ता ने इसे धर्म निरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ बताते हुए रोक लगाने की मांग की थी। एडिशनल एजी यशवंत सिंह ठाकुर ने सरकार की तरफ से दलील पेश करते हुए कहा है कि राम लला दर्शन प्रदेश के सभी वर्गों के लिए है।

यह धर्म निरपेक्षता के खिलाफ नही है, राम लला के दर्शन के लिए सभी धर्म के लोग जाते हैं। हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से पेश की गई इस दलील को स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है। दरअसल, राज्य शासन की ओर से छत्तीसगढ़वासियों के लिए रामलला के दर्शन की योजना शुरू की गई है, जिसमें लोगों को अयोध्याधाम लेकर रामलला के दर्शन कराकर वापस लाया जाता है। बिलासपुर जिले के देवरीखुर्द निवासी याचिकाकर्ता लखन सुबोध ने इसे संविधान में दिए गए प्रावधानों के खिलाफ बताते हुए इस योजना को बंद करने के लिए एक जनहित याचिका दायर की थी।

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। रामलला दर्शन योजना संविधान में निहित बातों और शर्तों के विपरीत है। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता पर तर्क देते हुए योजना को बंद करने के लिए राज्य शासन को आदेशित करने का आग्रह किया था। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से कहा गया था कि रामलला दर्शन योजना किसी धर्म या जाति के आधार पर नहीं की गई है। यह योजना धर्म या जाति के आधार पर फर्क भी नहीं करता है। यह प्रदेशवासियों के भ्रमण के लिए है। प्रदेश में रहने वाले उन गरीबों के लिए यह योजना लाभदायक है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जो धार्मिक यात्रा पर नहीं जा पाते। वे फ्री में अयोध्या पहुंच जाएंगे और रामलला के दर्शन कर वापस आ जाएंगे। मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया, कि यह राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है, जिस पर हाईकोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *