फर्जी ऑडियो मामला: क्राइम ब्रांच ने भेजा सलूजा को नोटिस
ग्वालियर
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष नरेन्द्र सलूजा की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही है। एक विवादित राजनीतिक ऑडियो वायरल किए जाने के मामले में ग्वालियर पुलिस ने जांच के लिए उन्हें तलब किया है। इस संबंध में क्राइम बांच ने एक नोटिस भेजकर उन्हें 5 सितंबर को ग्वालियर हाजिर होने को कहा है।
बता दें कि टिकिट के बदले पैसों की मांग किए जाने वाले कथित आॅडियो को लेकर भाजपा ने कांग्रेस नेता सलूजा की घेराबंदी करते हुए विगत 27 अगस्त को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भेंट कर इसे फर्जी करार दिया एवं उनके लिखाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। इस मामले में सक्रिय हुई पुलिस ने अब श्री सलूजा को मय सबूतों के तलब कर लिया है। दरअसल पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने इस मामले में जांच शुरू करवा दी थी और इसी क्रम में क्राइम ब्रांच ने नरेन्द्र सलूजा को मय तथ्यों एवं मोबाइल के 5 सितम्बर को ग्वालियर में हाजिर होने का नोटिस भेजा है।
महंगा पड़ा झूठा ऑडियो वायरल करना!
इन हालातों में कमलनाथ के मीडिया सलाहकार नरेन्द्र सलूजा को भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जयप्रकाश राजौरिया को लेकर ऑडियो वायरल करना महंगा पड़ता दिख रहा है। दरअसल बीजेपी के शिकायती पत्र पर पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को गंभीरता से लिया और विभाग ने जांच प्रारंभ कर दी। इस मामले में अपराध शाखा ने सलूजा को तलब किया गया है। इस बीच पूरे मामले में हमलावर हुई बीजेपी ने एक बार फिर आरोप लगाया है कि सलूजा ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से झूठे आरोप लगाने के आदी हो गए हैं।
ये है पूरा मामला
दरअसल कांग्रेस नेता सलूजा ने विगत दिनों टिकिट के बदले पैसे मांगे जाने वाला कथित आॅडियो जारी कर यह दावा किया था कि वो भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जयप्रकाश राजौरिया का है। भाजपा ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा है कि यह ट्विटर के माध्यम से झूठा आरोप लगाकर पार्टी के वरिष्ठ नेता की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास है जो सरासर मानहानि एवं अपराध की श्रेणी में आता है। इस आॅडियो क्लिप का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। भाजपा नेताओं ने पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक अमित सांघी से इसकी जांच कर सलूजा के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने की मांग की थी। इस बीच इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता का नाम घसीटे जाने पर हमलावर हुई भाजपा की ओर से की जा रही वॉयस सैम्पल की मांग के बाद पूरे मामले का पटाक्षेप होने के आसार हैं।