September 24, 2024

खराब दौर से गुजर रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, चीन दिवालिया होने से बचाएगा!

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इस्लामाबाद
 पाकिस्तान को आर्थिक सकंट से बचाने के लिए चीन आगे आया है। चीन के पूर्व उप प्रधानमंत्री झांग गुओकिंग ने  ऐलान किया है कि बीजिंग की ओर से इस्लामाबाद की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने में सहायता की जाएगी। गुओकिंग ने ब्रुसेल्स में पहले परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन के मौके पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। इस बैठक में दोनों पक्ष असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी में पाकिस्तान और चीन के बीच दीर्घकालिक सहयोग के महत्व पर सहमत हुए। इस दौरान चीन के उप प्रधान मंत्री और पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने पारंपरिक पाकिस्तान-चीन ऑल-वेदर स्ट्रैटेजिक कोऑपरेटिव पार्टनरशिप और मजबूत दोस्ती को एक अनुकरणीय और अद्वितीय रिश्ते कहा।

जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाक विदेश मंत्री डार ने वन-चाइना नीति के लिए पाकिस्तान के दीर्घकालिक समर्थन को दोहराते हुए कहा कि चीन के साथ संबंधों और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के दूसरे चरण के लिए पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता पर पाकिस्तान में पूर्ण सहमति है। उन्होंने सीपीईसी को उन्नत करने और उद्योग, खनन और सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के लिए चीन की तत्परता व्यक्त की।

पीएम शहबाज ने दिया है था अर्थव्यवस्था पर बयान

पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा था कि हम नए आईएमएफ समझौते के बिना आगे नहीं बढ़ सकते हैं। विशेष निवेश सुविधा परिषद (एसआईएफसी) की शीर्ष समिति के सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आईएमएफ से कर्ज की नई किश्त कुछ दिनों में मिलने की संभावना है लेकिन इसका बाद भी हमें एक और कार्यक्रम की आवश्यकता होगी।

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पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के बारे में हालिया समय में जो रिपोर्ट आई हैं, वो देश के नीति निर्धारकों के लिए चिंताजनक हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के बारे में इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक तबदलैब ने बीते महीने अपनी एक रिपोर्ट कहा है कि देश की माली हालत नाजुक दौर में है। थिंक टैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की ऋण प्रोफाइल बेहद चिंताजनक है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का कुल ऋण और देनदारियां, घरेलू और विदेशी ऋण सहित 77.66 ट्रिलियन रुपए (271.2 बिलियन डॉलर) हैं।

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