November 25, 2024

एफपीआई ने मार्च में अबतक शेयरों में 38,000 करोड़ रुपये डाले

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एफपीआई ने मार्च में अबतक शेयरों में 38,000 करोड़ रुपये डाले

ब्रिटेन, ओमान के साथ एफटीए नई सरकार में वाणिज्य मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडा में होगा: अधिकारी

भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर बहाल करने पर 'गंभीरता' से विचार कर रहा है पाकिस्तान

नई दिल्ली
 देशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 38,000 करोड़ रुपये से अधिक डाले हैं। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सुधार और घरेलू मोर्चे पर मजबूत वृहद आर्थिक परिदृश्य के बीच एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों में निवेश कर कर रहे हैं।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने शेयरों में 1,539 करोड़ रुपये डाले थे। वहीं जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। कुल मिलाकर इस साल अबतक एफपीआई भारतीय शेयर बाजार में 13,893 करोड़ रुपये डाल चुके हैं। इस दौरान उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार में 55,480 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ''एफपीआई मार्च में उल्लेखनीय खरीदारी कर रहे हैं। वैश्विक आर्थिक मोर्चे पर सुधार और भारत के सकारात्मक वृहद आर्थिक परिदृश्य की वजह से एफपीआई भारत जैसे ऊंची वृद्धि वाले बाजारों का रुख कर रहे हैं। इसके अलावा बाजार में हालिया 'करेक्शन' से भी उन्हें निवेश का अवसर मिला है।''

हालांकि, पिछले सप्ताह एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 31.4 करोड़ डॉलर के शेयर बेचे। इसकी वजह यह है कि उन्होंने सतर्कता का रुख अपनाया। शेयरों के अलावा एफपीआई ने इस महीने में 22 मार्च तक ऋण या बॉन्ड बाजार में 13,223 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

ऋण या बॉन्ड बाजार की बात की जाए, तो ब्लूमबर्ग ने अगले साल 31 जनवरी से भारतीय बॉन्ड को इमर्जिंग मार्केट (ईएम) लोकल करेंसी गवर्नमेंट इंडेक्स में शामिल करने की घोषणा की है। इसके चलते एफपीआई बॉन्ड बाजार में पैसा लगा रहे हैं। इससे पहले उन्होंने बॉन्ड बाजार में फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये, जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये, दिसंबर में 18,302 करोड़ रुपये डाले थे।

 

ब्रिटेन, ओमान के साथ एफटीए नई सरकार में वाणिज्य मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडा में होगा: अधिकारी

नई दिल्ली
ब्रिटेन और ओमान के साथ भारत के प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) नई सरकार में वाणिज्य मंत्रालय के 100-दिन के एजेंडा की रूपरेखा में शामिल हो सकते हैं।

एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। मंत्रालय देश से निर्यात बढ़ाने के लिए निर्यातक समुदाय से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वृहद आर्थिक सहयोग करार (सीईसीए) के लिए मौजूदा आर्थिक सहयोग एवं व्यापार करार (ईसीटीए) का दायरा बढ़ाने के लिए बातचीत भी अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। यह कवायद इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 17 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्रियों से कहा था कि वे अपने-अपने मंत्रालयों के सचिवों और अन्य अधिकारियों से मिलकर इस बात पर चर्चा करें कि पहले 100 दिन और अगले पांच वर्षों के एजेंडा को बेहतर तरीके से कैसे लागू किया जा सकता है। .

देश में सात चरणों के लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। मतगणना चार जून को होगी। अधिकारी ने बताया कि इन दोनों एफटीए के लिए बातचीत अंतिम चरण में और ज्यादातर मुद्दों पर वार्ता पूरी हो चुकी है। अधिकारी ने कहा, ''भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता में अधिकांश कठिन मामले समाधान की ओर बढ़ रहे हैं और दोनों पक्ष निष्पक्ष और न्यायसंगत समझौते के लिए सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।'' भारत और ब्रिटेन ने जनवरी, 2022 में एफटीए के लिए बातचीत शुरू की थी। समझौते में 26 अध्याय हैं। इसमें वस्तुएं, सेवाएं, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार शामिल है।

14वें दौर की बातचीत जनवरी में हुई थी। भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 के 17.5 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 20.36 अरब डॉलर हो गया है। शोध संस्थान जीटीआरआई (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते में भारत के लिए कुल लाभ सीमित ही रहेगा, क्योंकि यहां से अधिकांश उत्पाद पहले से ही कम या शून्य शुल्क (आयात या सीमा शुल्क) पर वहां भेजे रहे हैं। ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर अधिकारी ने कहा कि यह जल्द पूरा हो जाएगाभारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 12.39 अरब डॉलर रहा है। यह 2021-22 में 10 अरब डॉलर था।

 

भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर बहाल करने पर 'गंभीरता' से विचार कर रहा है पाकिस्तान

इस्लामाबाद
 पाकिस्तान 'गंभीरता' के साथ भारत से व्यापार संबंधों को फिर बहाल करने पर विचार कर रहा है। विदेश मंत्री मुहम्मद इसहाक डार ने यह बात कही है। उनका यह बयान पड़ोसी देश के साथ राजनयिक रुख में संभावित बदलाव का संकेत देता है। भारत के साथ पाकिस्तान के व्यापार संबंध अगस्त, 2019 से निलंबित हैं।

'जियो न्यूज' की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रसेल्स में परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद डार ने लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि नकदी संकट से जूझ रहे उनके देश का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ व्यापारिक गतिविधियां फिर शुरू करने का इच्छुक है। विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा, ''पाकिस्तानी कारोबारी चाहते हैं कि भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू हो।'' उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ व्यापार संबंध फिर बहाल करने पर विचार करेंगे।

'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार ने डार के हवाले से कहा, ''हम भारत के साथ व्यापार के मामलों को गंभीरता से देखेंगे।'' उनकी टिप्पणियां भारत के प्रति राजनयिक रुख में संभावित बदलाव का संकेत देती हैं।

 

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