November 25, 2024

दुनिया में एक देश ऐसा जहां पैदा नहीं हो सकते कोई बच्चे, ना वहां अस्पताल और ना कोई जेल

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वेटिकन सिटी

दुनिया में एक ऐसा देश है, जहां 800 के आसपास लोग रहते हैं. लाखों लोग रोज यहां घूमने आते हैं. लेकिन इस देश में कोई बच्चा पैदा नहीं हो सकता. उसकी कई वजहें भी हैं. ये वजहें कानूनी से लेकर संरचनागत भी हैं. जानते हैं इस देश के बारे में और क्यों यहां बच्चे पैदा नहीं हो सकते, इस बारे में भी.

ये दुनिया का सबसे छोटा देश है, जहां ऐसे लोग रहते हैं, जिनके इशारे पर दुनिया चलती है. रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म के सारे बड़े धर्माचार्य यहीं रहते हैं. पोप यहां के शासक हैं लेकिन इस देश की कुछ ऐसी बातें हैं जो हैरान कर देने वाली हैं. जैसे एक बात तो यही है कि यहां कभी कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ. ये देश 11 फरवरी 1929 को बना था और 95 साल का हो चुका है. इतने लंबे समय में यहां कोई बच्चा क्यों पैदा नहीं हुआ.

सबसे पहले तो हम आपको इस देश का नाम बता देते हैं. इस देश का नाम वेटिकन सिटी है. ये दुनिया का सबसे छोटा देश भी है. इस देश को जब बनाया गया तो स्पष्ट था कि ये देश केवल रोमन कैथोलिक ईसाइयों के लिए काम करेगा. दरअसल आप ये भी कह सकते हैं कि पूरी दुनिया में जितने कैथोलिक चर्च हैं और कैथोलिक ईसाई हैं, उन सभी के तार यहीं से बंधे हैं. दुनियाभर के कैथोलिक चर्च और उनके पादरियों और बड़े धर्माचार्यों को यहीं से नियंत्रित किया जाता है.

सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि इस देश के बनने के बाद कई बार ये चर्चा हुई कि यहां कोई अस्पताल क्यों नहीं है. इसकी मांग भी की गई लेकिन हर बार इसे खारिज कर दिया गया. यहां जब कोई गंभीर तौर पर बीमार होता है या कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसे या तो रोम के किसी अस्पताल में भेज दिया जाता है या उसके संबंधित देश भेजने की व्यवस्था कर दी जाती है.

वेटिकन सिटी में अस्पताल न खोलने का निर्णय संभवतः इसके छोटे आकार और आसपास के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाओं की निकटता के कारण लिया गया है. वेटिकन सिटी का आकार केवल 118 एकड़ है. सभी रोगियों को देखभाल के लिए रोम के क्लीनिकों और अस्पतालों में जाना होगा. चूंकि यहां कोई प्रसव कक्ष भी नहीं है, लिहाजा यहां कोई जन्म भी नहीं ले सकता.

यहां कभी नेचुरल बेबी डिलिवरी भी नहीं हुई या यों कहें कि करने ही नहीं दी गई. जब भी यहां कोई महिला गर्भवती होती है और उसकी डिलीवरी का समय करीब आने लगता है तो यहां के नियमों के अनुसार उसको यहां से तब तक के लिए बाहर जाना होता है जब तक कि वह बच्चे को जन्म नहीं दे दे. ये ऐक ऐसा नियम है, जिसका पालन बहुत कड़ाई के साथ होता है. तो आप समझ सकते हैं कि क्यों 95 सालों में कभी वेटिकन सिटी में कोई बच्चा नहीं हुआ और ना ही कभी भविष्य में होगा.
इसकी एक कानूनी वजह भी है. वेटिकन सिटी में कभी किसी को स्थायी नागरिकता नहीं मिलती, जितने भी लोग यहां पर रहते हैं, वो अपने कार्यकाल तक ही यहां रहते हैं, तब तक के लिए उन्हें अस्थायी नागरिकता मिलती है. इस वजह से भी यहां किसी पैदाइश नहीं होती, जिससे भविष्य में स्थायी नागरिकता को लेकर कोई दावा कर सके.

वेटिकन सिटी केवल 0.44 वर्ग किमी में फैला है. वेटिकन सिटी एक संप्रभु देश जरूर है लेकिन ये इटली के भीतर एक छोटा सा भू-भाग है. इस देश में पोप की होली सी सरकार चलती है. ये पूरी दुनिया में रोमन कैथोलिक ईसाइयों का मक्का है. वेटिकन सिटी शायद अकेला ऐसा देश है, जहां कोई जेल नहीं है. देश में परीक्षण-पूर्व हिरासत के लिए कुछ कोठरियां हैं. जिन लोगों को दोषी ठहराया गया और कारावास की सजा सुनाई गई, वे लेटरन संधि के अनुसार इतालवी जेलों में समय बिताते हैं. कारावास की लागत वेटिकन सरकार द्वारा वहन की जाती है.

वेटिकन में मुश्किल से 800-900 लोग रहते हैं, जिसमें रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म से जुड़े बड़े धर्माचार्य ज्यादा हैं. फिर भी किसी भी देश की तुलना में यहां अपराध दर सबसे अधिक है. ये इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यहां प्रति व्यक्ति अपराध अधिक हैं. ये अपराध आमतौर पर बाहर से आने वाले लाखों पर्यटकों के साथ अंजाम दिए जाते हैं. सबसे आम अपराध दुकानों में चोरी, पर्स छीनना और जेबतराशी है.

ऐसा बताया गया है कि वेटिकन के निवासी दुनिया में कहीं और की तुलना में प्रति व्यक्ति अधिक शराब का उपभोग करते हैं. वेटिकन का औसत निवासी हर साल आश्चर्यजनक रूप से 74 लीटर वाइन पी जाता है, जो फ्रांस और इटली की वाइन राजधानी देशों की खपत से दोगुना है. शराब की अधिक खपत के कई कारण हैं. वेटिकन के निवासी बड़े समूहों में सामूहिक रूप से भोजन करते हैं. शहर का एकमात्र सुपरमार्केट शराब शुल्क मुक्त बेचता है, जिसके परिणामस्वरूप खपत अधिक होती है.

वेटिकन सिटी में दुनिया का सबसे छोटा रेलवे स्टेशन भी है. स्टेशन में 300 मीटर के दो ट्रैक हैं और एक स्टेशन है, इसका नाम है Citta Vaticano. रेल की पटरियां और रेलवे स्टेशन पोप पायस XI के शासनकाल के दौरान बनाए गए थे. इसका उपयोग माल ढोने के लिए किया जाता है. कोई नियमित ट्रेन नहीं चलती.

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