आरएसएस को देश में बढ़ती महंगाई बेरोजगारी गिरती अर्थव्यवस्था डूबते बैंक और मोदी सरकार के वादाखिलाफी पर चिंतन और मंथन करने का साहस दिखाना चाहिये – कांग्रेस
रायपुर
आरएसएस के तीन दिवसीय बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने आरएसएस से सवाल पूछा क्या आरएसएस अपने तीन दिवसीय बैठक में मोदी सरकार की नाकामी, वादाखिलाफी, गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी महंगाई,दिवालिया होते बैंक और बिकती सरकारी कंपनियां, चीन का देश की जमीन पर अतिक्रमण, बिगड़ते सामाजिक समरसता पर जैसे गंभीर विषय पर मंथन करेगी? या हमेशा की तरह ही आरएसएस, अपने अनुशांगिक संगठनों के साथ मिलकर भाजपा के लिए कैसे वोट इक_ा किया जाये और इसके लिए सीधे साधे भोले भाले आमलोगों को कैसे भरमाया जाये इसकी रणनीति बनाएगी?
ठाकुर ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव हो या 2019 का लोकसभा चुनाव आरएसएस और उनके अनुशांगिक संगठन मोदी भाजपा को केंद्र की सत्ता दिलाने के लिए भाजपा के साथ मिलकर देश की जनता से वादा किया था कि केंद्र में उनकी सरकार बनने पर दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष मिलेंगे 100 दिनों में महंगाई कम होगा भ्रष्टाचार समाप्त होगा सभी के खाते में 15- 15लाख रुपए आएंगे। 35 रुपए लीटर डीजल और पेट्रोल मिलेंगे। किसानों को स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिया जाएगा 2022 में किसानों की आमदनी दुगनी हो जाएगी सस्ते दरों पर रासायनिक खाद एवं कृषि यंत्र मिलेंगे। महिलाएं सुरक्षित रहेगी और देश को एक नई ऊंचाई मिलेगा। यह वादा 8 साल में मोदी सरकार पूरा करने में असफल और नकारा साबित हुई है देश की जनता आरएसएस और उनके अनुवांशिक संगठनों के भरोसा में आकर भाजपा को अपना बहुमूल्य वोट दिया और देश की जनता के साथ वादाखिलाफी हुआ है बीते 8 साल में देश की जनता महंगाई से पीड़ित है पेट्रोल-डीजल पर मनमाना एक्साइज ड्यूटी किया जा रहा है रसोई गैस के दाम जो कांग्रेस शासनकाल में 410रु था आज 1200रु के करीब जनता खरीदने मजबूर है 16 करोड़ हाथों को रोजगार मिलना दूर की बात 23 करोड़ हाथों से रोजगार छीना गया है जिसमे 1 करोड़ 45 लाख मातृ शक्ति है। 27 करोड़ लोग मोदी सरकार के गलत आर्थिक नितियों के चलते मध्यम वर्ग से गरीबी रेखा से नीचे आ गये। भूखमरी इंडेक्स मेंं 55 वे से खिसकर 116 देशो में 105 वे नंबर पर आ गये।
उन्होंने कहा कि आरएसएस अपने तीन दिन के बैठक में देश के 133 करोड़ जनता की तकलीफों पर कभी भी मंथन नहीं करेगी। बल्कि केंद्र में बैठी आरएसएस भाजपा सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी जी की नाकामी को ढक्कने की कुटरचना करेगी।