ईरान- पाकिस्तान गैस पाइपलाइन अमेरिका को स्वीकार नहीं…
वाशिंगटन
अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्तान और ईरान के बीच चल रहे गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट का समर्थन नहीं करता है। अमेरिका की ओर से कहा गया कि वह पाकिस्तान-ईरान गैस पाइपलाइन परियोजना को आगे बढ़ाए जाने के खिलाफ है। अमेरिका ने पाकिस्तान को ईरान के साथ व्यापार करने पर प्रतिबंधों के बारे में भी आगाह किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा कि हम हमेशा सभी को सलाह देते हैं कि ईरान के साथ व्यापार करने से हमारे प्रतिबंधों को छूने और उनके संपर्क में आने का जोखिम है। हम सभी को इस पर बहुत सावधानी से विचार करने की सलाह देंगे।
द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को सीधा और सख्त संदेश देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग प्रवक्ता ने कहा कि हम स्पष्ट तौर पर कहना चाहते हैं कि इस पाइपलाइन का समर्थन नहीं करते हैं। ये पाकिस्तान सरकार और पीएम शहबाजद शरीफ के लिए एक बड़ा झटका है। पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक ने हाल ही में बताया था कि उनका देश ईरान से गैस पाइपलाइन के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट की मांग कर रहा है।
एक हफ्ते में दूसरी बार आया है अमेरिका का बयान
अमेरिका की ओर से एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन पर एतराज जताते हुए बयान दिया गया है। हाल ही में दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के विदेश विभाग के शीर्ष अधिकारी डोनाल्ड लू ने कांग्रेस के एक पैनल के सामने साफतौर पर कहा था कि इस पाइपलाइन को रोका जाना चाहिए। डोनाल्ड लू ने कहा था है कि हमने पाकिस्तान को ये बता दिया है कि हमारे लिए रेड लाइन क्या है। हम पाकिस्तान के इस पर आगे बढ़ने को समर्थन नहीं दे सकते हैं।
कांग्रेस पैनल में सुरक्षा मामलों पर तेहरान के साथ पाकिस्तान के जुड़ाव और खासतौर से ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में हुए सवाल पर लू ने कहा था, "हम इस पर निगाह रख रहे हैं। अगर पाकिस्तान अएपने संबंध ईरान के साथ बढ़ाता है तो यह हमारे रिश्ते के लिए बहुत गंभीर होगा। बाइडेन प्रशासन पाइपलाइन के विकास पर नजर रख रहा है और वह इस पाइपलाइन को रोकने के लिए अमेरिकी सरकार के प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं। हम उस लक्ष्य की दिशा में काम कर रहे हैं। प्रशासन पाइपलाइन मुद्दे पर पाकिस्तानी सरकार के साथ परामर्श कर रहा है।" बता दें कि पाकिस्तान-ईरान गैस पाइपलाइन ईरान से पड़ोसी देश पाकिस्तान तक प्राकृतिक गैस को पहुंचाने के लिए बन रही है।