दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक डेनियल काह्नमैन का 90 साल की उम्र में निधन
नई दिल्ली
डेनियल काह्नमैन (Daniel Kahneman) को इकॉनमिक साइंस के लिए 2002 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, लेकिन उन्होंने इकॉनमिक्स की पढ़ाई नहीं की थी। वह तो साइकॉलजी के प्रफेसर थे। लेकिन इस क्षेत्र में उन्होंने जो काम किया, उसे इकॉनमिक्स के एक ब्रांच के रूप में मान्यता दी गई। उनके इस काम ने इंसानी जिंदगी के कई पहलुओं को छुआ और प्रभावित किया। साइकॉलजी ऑफ इकॉनमिक्स की बारीकियों से दुनिया को वाकिफ करवाने वाले डेनियल का 90 साल की उम्र में निधन हो गया। डेनियल ने पूरी जिंदगी यह समझने में लगा दी कि इंसानी दिमाग काम कैसे करता है। लोग जो फैसला करते हैं, वो क्यों करते हैं और इस जटिल दुनिया में उनके व्यवहार पर किन चीजों का असर होता है। उनकी आखिरी किताब भी इसी तलाश का विस्तार है।
इस्राइली-अमेरिकी Kahneman का जन्म 5 मार्च 1934 को लिथुआनियन यहूदी परिवार में हुआ था। यरूशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी से वह ग्रैजुएट हुए। 1954 में जब इस्राइल अलग देश बना, तो सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में उन्होंने इस्राइली फौज में अपनी सेवाएं दीं। उन्हें कुछ समय बाद साइकॉलजी ब्रांच में भेजा गया। तब उन्होंने ‘illusion of validity’ का सिद्धांत दिया। इसके मुताबिक, जो व्यक्ति ऑफिसर के बारे में फैसला करता है, वह अति-आत्मविश्वास का शिकार हो सकता है और इस वजह से किसी के बारे में गलत निर्णय कर सकता है। यह थिअरी आगे चलकर बहुत लोकप्रिय हुई।
इस्राइल में शादी के बाद अमेरिका में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी आ गए। यहां से उन्होंने साइकॉलजी में PhD की। इसके बाद वह इस्राइल लौटे और हिब्रू यूनिवर्सिटी में 1961 से 1977 तक पढ़ाया। इस बीच Irah से उनकी शादी टूट गई। 1979 में उन्होंने ने ऐनी ट्रेइसमैन Anne Treisman से शादी की, जो साइकॉलजिस्ट थीं। दोनों ने मिलकर कई शोध किए और उन्हें प्रकाशित किया। लेकिन ऐनी का 2018 में देहांत हो गया।
एक दोस्ती ऐसी भी: 1971 से 1981 के बीच डेनियल ने प्रफेसर एमॉस टेवर्सकी (Amos Tversky) के साथ मिलकर काम किया। उन्हें दुनिया सहित भारत में लोकप्रियता मिली ‘Thinking, fast and slow’ नाम की किताब से। इसे ‘बिहेवियरल इकॉनमिक्स’ की दुनिया में बड़ा काम माना जाता है। दोनों की दोस्ती इतनी कमाल की थी कि वे एक ही टाइपराइटर पर काम करते थे। एमॉस का 1996 में देहांत हो गया।
शेयर बाजार तक प्रभावित: सत्तर के दशक में डेनियल ने जो काम किया, उसने अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक बातचीत से लेकर शेयर बाजार तक को प्रभावित किया। उनकी हालिया किताब थी ‘Noise: A Flaw in Human Judgment।’ इसे उन्होंने कैस सनस्टीन (Cass Sunstein) और ओलिवियर सिबनी (Olivier Sibony) के साथ मिलकर लिखा था। इसमें लेखकों ने बताया है कि किसी मुद्दे पर संबंधित क्षेत्रों के जानकारों की राय में भी कितना फर्क होता है। इस सिलसिले में उन्होंने अदालती फैसलों, रोग की पहचान से लेकर कॉरपोरेट फैसलों तक का हवाला दिया है।