एनीकट पार करते समय पैर फिसला, शिक्षक समेत तीन डूबे, तलाश जारी
रायपुर
शिक्षक दिवस के दिन एक बूरी सामने आई जब मुर्रा गांव के पास खारुन नदी पर बने एनीकट को शिक्षक अपने परिवार के दो सदस्यों के साथ पार रहे थे कि उनका पैर फिसल गया और तीनों एनीकट में गिए और गहरे पानी में बहते चले गए। बताया जाता है कि जिस समय यह हादसा हुआ उस समय एनीकट के ऊपर पानी बह रहा था। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची गोताखोरी की टीम उनकी तलाश में जुटी हुई है, फिर तीनों का कोई पता नहीं चल सका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की दोपहर को धरसींवा इलाके के रहने वाले शिक्षक लखनलाल बंजारे (58) अपने परिवार के हरजीत भारती (15) और शेखर बंजारे (28) के साथ मुर्रा गांव में खारुन नदी पर बने एनीकट को पार कर रहे थे। बताया जाता है कि जिस समय वे एनीकट को पार कर रहे थे उस समय एनीकट के ऊपर से पानी बह रहा था और इसी उसी दौरान तीनों का पैर फिसल गया और वे एनीकट में गिर और गहरे पानी के साथ डूबकर बहने लगे। घटना के समय आसपास कुछ लोग मौजूद थे और उन्होंंने तत्काल इसकी सूचना 112 के माध्यम से पुलिस को दी। सूचना मिलते ही धरसींवा थाने की पुलिस गोताखोरों के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और एनीकट में कूदकर उनकी तलाशी शुरू की, लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं चल सका है।
घटना की जानकारी जैसे ही जिला पंचायत सदस्य राकेश यादव को हुई वे भी एनीकट पर पहुंचे और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते कहा कि एनीकट में 14 गेट हैं, लगातार बोलने पर भी किसी प्रकार का मेंटेनेंस नहीं किया गया। अगर 4 गेट भी खुले होते तो यह हदासा नहीं होता क्योंकि सभी गेट जाम हैं। लगातार हादसे के बाद भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
यादव ने बताया कि एनीकट से लोग आना-जान करते हैं और यह एनीकट रायपुर को बेमेतरा जिले को जोड़ता भी है और रोजाना कई बसें इस मार्ग से होकर गुजरती है। एनीकट के ऊपर से पानी बहने के कारण फिलहाल बसें इस रुट से नहीं चल रही है, वरना रोजाना इस मार्ग से होकर गुजरती है। ग्रामीण मुर्रा से ढाबा गांव आने – जाने के लिए भी इस पुल का उपयोग होता है। हैरानी की बात ये है कि एनीकट में ऊपर से पानी बह रहा है। इसके बावजूद लोग उसे पार कर रहे हैं। फिर भी प्रशासन ने ना तो यहां पर किसी प्रकार का कोई नोटिस लगाया है। ना ही यहां पर किसी को तैनात किया गया है। जिला प्रशासन से वे मांग करते है कि एनीकट के कुछ गेट खोल दिए जाएं और नोटिस बोर्ड लगाने के साथ ही जवान की यहां तैनाती किया जाना चाहिए।