प्रदेश में 3061 सरकारी नर्सरी स्कूलों को मिली मंजूरी, शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गाइडलाइन जारी
भोपाल
मध्य प्रदेश में शुरू होने जा रहे नवीन शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए 3061 नवीन नर्सरी स्कूल स्वीकृत किए गए हैं। सभी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति एवं विद्यार्थियों के एडमिशन के लिए राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा गाइडलाइन जारी कर दी गई है। स्वीकृत विद्यालयों की लिस्ट एवं अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारी सहित गाइडलाइन की डायरेक्ट लिंक इस समाचार में उपलब्ध है। ऑनलाइन पढ़ सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं।
सरकारी नर्सरी स्कूल में शिक्षकों और बच्चों की योग्यता एवं आयु सीमा
आर उमामहेश्वरी, अपर मिशन संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा मध्य प्रदेश के समस्त कलेक्टर के नाम जारी पत्र में बताया गया है कि, शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्य योजना के अंतर्गत 3061 विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन में एडमिशन के लिए विद्यार्थियों की आयु सीमा इस प्रकार होगी:-
नर्सरी – तीन-चार वर्ष।
KG1 – 4-5 वर्ष।
KG2 – 5-6 वर्ष।
शिक्षकों का चयन इस प्रकार किया जाना है:-
शिक्षक की आयु 52 वर्ष से कम हो।
बच्चों के साथ गतिविधियां करने में सक्षम हो और रुचि भी रखते हो।
पूर्व प्राथमिक कक्षा में पढ़ाने का अनुभव हो।
चयन में महिला शिक्षक को प्राथमिकता दी जाए।
पूर्व प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा (DElEd) को प्राथमिकता दी जाए।
नर्सरी स्कूल के लिए राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा जारी गाइडलाइन की डायरेक्ट लिंक
गाइडलाइन में नर्सरी कक्षाओं के लिए किस प्रकार के कक्ष, उसका फर्नीचर और खेल का मैदान इत्यादि के बारे में भी बताया गया है। सभी कलेक्टर को निर्देशित किया गया है कि सारी व्यवस्थाएं संपन्न करने के बाद विस्तृत एवं अधिकृत जानकारी दिनांक 25 अप्रैल 2024 तक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल को उपलब्ध करवा दें। गाइडलाइन के लिए कृपया यहां क्लिक करें। सिस्टम आपको रीडायरेक्ट करेगा और आपकी स्क्रीन पर एमपी एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड गाइडलाइन डिस्प्ले हो जाएगी। ऑनलाइन पढ़ सकते हैं और सिंगल क्लिक से डाउनलोड भी कर सकते हैं।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा जिलों में संपादित कार्यों के आधार पर जिलों की शैक्षणिक रिपोर्ट भी जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर लगातार सुधार हो रहा है।
उन्होंने बताया कि घुमंतु जाति के परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए भी विशेष व्यवस्था की जा रही है। इन बच्चों के लिए एक विशेष कार्ड तैयार किया जाएगा, जिसके आधार पर वे एक स्थान से दूसरे स्थान जाने पर भी आसानी से स्कूल में प्रवेश ले सकेंगे।
यह निर्णय निश्चित रूप से प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल सरकारी स्कूलों की लोकप्रियता बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।