जयपुर के दो नगर निगमों पर ठोस कचरा प्रबंधन में लापरवाही बरते जाने पर करीब 8 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया : NGT
जयपुर
अजमेर के रहने वाले अशोक मलिक द्वारा दायर याचिका संख्या 83/2023 पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सुनवाई करते हुए जयपुर के दो नगर निगमों पर ठोस कचरा प्रबंधन में लापरवाही बरते जाने पर करीब 8 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि जयपुर नगर निगम रोजाना करीब 1000 टन ठोस कचरे का प्रबंधन नहीं कर पा रहा है। इससे जयपुर शहर और आसपास के पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। याचिका पर सुनवाई करते हुए NGT ने 26 जुलाई 2023 को एक समिति का गठन किया था। इस समिति में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (RSPCB) के एक सदस्य, जिला कलेक्टर और जयपुर नगर निगम के एक सदस्य को शामिल किया गया था। समिति ने 20 अक्टूबर 2023 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक जांच में पाया गया कि जयपुर नगर निगम वास्तव में प्रतिदिन 1000 टन कचरे का प्रबंधन नहीं कर पा रहा है।
NGT ने लगाया जुर्माना, RSPCB करेगी राशि वसूलीः
एनजीटी ने अपनी सुनवाई में इस लापरवाही को पर्यावरणीय क्षति माना और जयपुर नगर निगमों पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया। जुर्माने की राशि का निर्धारण RSPCB द्वारा किया गया। 7 फरवरी 2024 को हुई सुनवाई में राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने जुर्माने की राशि 8 करोड़ रुपए बताई थी।
नगर निगम ने किया विरोध, NGT का सख्त रुखः
जुर्माने की राशि पर जयपुर नगर निगम (ग्रेटर) के आयुक्त ने आपत्ति जताई। उन्होंने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही इसी मामले में 3000 करोड़ रुपए के जुर्माने पर रोक लगा दी है। इसलिए जुर्माना माफ करने की मांग की। लेकिन, NGT के जज न्यायमूर्ति शिव कुमार सिंह ने इस दलील को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक अलग मामला है और जयपुर नगर निगम पर पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन के लिए सख्ती से जुर्माना लगाया जाएगा।
याचिकाकर्ता ने लगाए गंभीर आरोपः
इस मामले में याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने भी जवाबी हलफनामा दायर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जयपुर नगर निगम ठोस कचरा प्रबंधन के लिए उचित नियमों का पालन नहीं कर रहा है और लगातार ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 का उल्लंघन कर रहा है। मलिक ने यह भी बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में लगाए गए 3000 करोड़ रुपए के जुर्माने पर लगी रोक के दुरुपयोग के खिलाफ याचिका दायर की है और सुप्रीम कोर्ट से रोक हटाने का आग्रह किया है।
अगली सुनवाई 16 जुलाई 2024 कोः
एनजीटी ने सभी पक्षों की दलीलों और रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए जुर्माने की राशि 8 करोड़ रुपए का जुर्माना जयपुर नगर निगम ग्रेटर पर लगाने का आदेश दिया। उन्होंने RSPCB को जुर्माना वसूली की अनुपालन रिपोर्ट 3 सप्ताह के अंदर देने का आदेश दिया है। साथ ही, इस मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई 2024 को निर्धारित की गई है।