लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने संघमित्रा समेत पांच लोगों को खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया
नई दिल्ली
सपा-भाजपा के नेता रहे और पूर्व कैबिनेट मंत्री और अब राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की सांसद बेटी संघमित्रा मौर्य की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने संघमित्रा समेत पांच लोगों को खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। संघमित्रा पर धोखाधड़ी, मारपीट, जान से मारने की धमकी और आपराधिक साजिश का आरोप लगा है। कोर्ट ने संघमित्रा के साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य, नीरज तिवारी, सूर्य प्रकाश शुक्ला उर्फ चिंटू, ऋतिक सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। संघमित्रा पर बिना तलाक लिए दीपक स्वर्णकार से शादी का आरोप है। मामले में कोर्ट में हाजिर न होने पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
दीपक के मुताबिक वो और संघमित्रा मौर्या 2016 से लिव इन रिलेशन में रह रहे थे। संघमित्रा और स्वामी प्रसाद ने बताया कि संघमित्रा का पूर्व की शादी में तलाक हो गया है। लिहाजा 3 जनवरी 2019 को दीपक ने संघमित्रा के घर पर उनसे शादी कर ली। इसके बाद मई 2019 के चुनाव में शपथ पत्र देकर संघमित्रा ने खुद को अविवाहित बताया। दीपक के मुताबिक संघमित्रा का तलाक मई 2021 में हुआ था। दीपक का आरोप है कि जब 2021 में उसने विधि विधान से शादी का प्रस्ताव रखा तो उसके ऊपर जानलेवा हमला किया गया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी
गौरतलब है कि बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट इस बार भाजपा ने काट दिया है। उनकी जगह दुर्विजय सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया गया है। मंगलवार को ही सीएम योगी दुर्विजय का प्रचार करने बदायूं पहुंचे तो संघमित्रा मंच पर ही फफककर रो पड़ी थीं। उनका मंच पर रोते हुए वीडियो भी खूब वायरल हुआ। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि रोने का कारण टिकट कटना नहीं है। संघमित्रा के अनुसार उनके बगल में बैठी योगी सरकार में मंत्री गुलाब देवी ने राजा दशरथ की एक कहानी सुनाई थी। इसकी वजह से उनके आंसू निकल आए थे।
संघमित्रा ने दावा किया कि वह बहुत मजबूत महिला हैं। टिकट कटने जैसे मामले पर कभी नहीं रो सकती हैं। संघमित्रा के टिकट कटने का कारण उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाजी को भी कारण माना जा रहा है। स्वामी प्रसाद लगातार हिन्दू धर्म, रामचरित मानस और देवी देवताओं को लेकर आपत्तिजनक बयान देते रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद भाजपा में ही थे। योगी की सरकार में वह मंत्री भी थे। 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर सपा के साथ आ गए थे। इसके बाद संघमित्रा के भी सपा में आने की चर्चा थी लेकिन वह अब तक भाजपा में बनी हुई हैं।