November 25, 2024

रणदीप सुरजेवाला होश में आओ, क्या यही चाटने वाली शब्दावली अपने परिवार की महिलाओं के लिए स्वीकारोगे: अर्चना चिटनीस

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भोपाल
कांग्रेस पार्टी की मानसिकता हमेशा से महिलाओं की विरोधी रही है। कांग्रेस के शासनकाल में महिला अपराध चरम पर रहता है। आज भी देश के जिन राज्यों में कांग्रेस की कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां महिलाओं का उत्पीड़न अन्य राज्यों की अपेक्षा कई गुना अधिक है। लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देने वाली कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा महिलाओं के नाम पर सिर्फ राजनीति करती हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं द्वारा जब भी महिलाओं से अभद्रता या उत्पीड़न किया जाता है, वे भी अपनी पार्टी में महिलाओं को सम्मान नहीं दिला पाती हैं, हमेशा चुप रहती हैं। सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और उनके सर्वांगीण विकास के लिए कोई कार्य नहीं किया। कांग्रेस का यह कृत्य बताता है कि कांग्रस पार्टी की मानसिकता ही महिला विरोधी रही है। यह बात भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्रीमती माया नारोलिया एवं पूर्व मंत्री व प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला द्वारा दिए गए महिला विरोधी बयान को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।

महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्रीमती माया नारोलिया ने कहा कि रणदीप सुरजेवाला क्या यही चाटने वाली शब्दावली अपने परिवार की महिलाओं के लिए स्वीकारोगे। श्रीमती सोनिया गांधी भले ही कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही हों, प्रियंका गांधी राष्ट्रीय महासचिव हैं, लेकिन ये नेत्रियां भी अपने दल में महिलाओं को सम्मान दिलाने में असमर्थ हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने हमेशा की तरह अब हेमा मालिनी को लेकर जो विवादित बयान दिया है वह शर्मनाक है। कांग्रेस को इसको लेकर माफी मांगना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही महिलाओं को सम्मान नहीं देना चाहती, क्योंकि कांग्रेस की मानसिकता ही हमेशा से महिला विरोधी रही है। ’लड़की हूं मैं लड़ सकती हूं का नारा देने वाली प्रियंका गांधी ने हमेशा उन राज्यों में महिलाओं को लेकर राजनीति की, जहां पर उनकी सरकार नहीं रही, लेकिन जहां कांग्रेस सरकार रहीं वहां पर महिला पर हो रहे अत्यचारों में प्रियंका गांधी ने हमेशा चुप्पी साधे रखी। आज भी देश के जिन दो-तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं, आप उन राज्यों के आंकड़ा दखेंगे तो अन्य राज्यों से कई गुना महिला अपराध वहां मिलेगा।

महिला सम्मान का मिथ्या प्रलाप करते हैं कांग्रेस नेता-श्रीमती अर्चना चिटनीस
पूर्व मंत्री, विधायक व प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा कि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मंच से महिला के लिए खुलेआम निदंनीय शब्दों का प्रयोग किया है। ऐसे व्यक्ति को राजनैतिक क्षेत्र में रहने का कोई हक नहीं है। कांग्रेस को इस बयान के लिए तत्काल माफी मांगना चाहिए। कांग्रेस के दावों और हकीकत में मेल नहीं है। श्रीमती हेमा मालिनी भारतीय संस्कृति की वाहक है जिन्हें पूरा देश सम्मान करता है, वहीं रणदीप सुरजेवाला का बयान कांग्रेस की बीमार मानसिकता उजागर करती है। कांग्रेस नेता नारी सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन यही नेता जब मंच पर होते हैं तो कांग्रेस नेत्रियों को मंच पर नहीं आने देते, उनको बोलने नहीं दिया जाता और उनके साथ अभद्रता व भेदभाव करते हैं। कांग्रेस के अन्दर ही महिलाओं का सम्मान नहीं होता, भला ऐसी कांग्रेस नारी शक्ति का क्या सम्मान करेगी। राहुल गांधी ने वडोदरा में लोगों से पूछा था कि क्या संघ की शाखाओं में महिलाएं स्कर्ट पहने दिखती हैं ? वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेत्री को टंच माल और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महिलाओं को सजावट की वस्तु कहा था। यही कांग्रेस का चरित्र और चेहरा है। कांग्रेस नेता ही महिलाओं के रक्षक की जगह उनके भक्षक बनते हैं। कांग्रेस का चरित्र ही महिला विरोधी है।

कांग्रेस की महिलाएं ही महिलाओं की विरोधी
श्रीमती चिटनीस ने कहा कि कांग्रेस में कांग्रेस की महिला नेता ही महिलाओं की विरोधी हैं। हाल ही में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने हिमाचल के मंडी से भाजपा प्रत्याशी अभिनेत्री सुश्री कंगना रनौत को बाजारू और छोटी काशी के नाम से पहचान रखने वाली (मंडी) की तुलना महिलाओं की मंडी से की है। वहीं, रेणुका चौधरी ने तो कहा था कि “रेप तो चलते ही रहते हैं। (रेप इज कॉमन)। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारतीय अर्थव्यवस्था का मजाक उड़ाते हुए कहा था हमारी चिल्लर भी मिस वर्ल्ड बन गई है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की एक सीडी आई थी, जिसमें वह एक महिला वकील को जज बनवाने का लालच देते हैं। जब कांग्रेस की महिला नेताओं की सोच ही महिलाओं के प्रति घटिया हो तो उनके पुरुष नेताओं की क्या सोच होगी,आसानी से समझा जा सकता है। श्रीमती चिटनीस ने कहा कि सुरजेवाला के निदंनीय बयान पर सोनिया गांधी शर्मिंदा होने की जगह मौन क्यों हैं ?

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