November 25, 2024

ब्रिटेन संसद की सत्ता में 15 सालों से काबिज रही ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को खतरा

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ब्रिटेन
ब्रिटेन संसद की सत्ता में 15 सालों से काबिज रही ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को अलगे चुनावों में हार का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में एक सर्वेक्षण में पता चला है कि ब्रिटेन की बिगड़ती स्थिति, नीतिगत विफलताओं, अधूरे वादों और जीवनयापन की बढ़ती लागत के कारण कंजर्वेटिव पार्टी के खिलाफ लोगों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। ऐसे में ऋषि सुनक को अपनी सीट खोने का खतरा है। हाल ही में कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक लेबर पार्टी सत्ता में आती नजर आ रही है।

अगला चुनाव हार सकती है कंजर्वेटिव पार्टी
एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो YouGov द्वारा 7-27 मार्च के बीच 18,761 ब्रिटिश वयस्कों को लेकर किए गए एक हालिया सार्वजनिक सर्वेक्षण में लेबर पार्टी भारी जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। ब्रिटेन की संसद में बहुमत हासिल करने के लिए पार्टियों को 650 में से 326 सीटें हासिल करनी होंगी। सर्वेक्षण के मुताबिक, लेबर पार्टी को देशभर में 403 सीटें हासिल करने का अनुमान है। इसके विपरीत, कंजर्वेटिव पार्टी केवल 155 सीटों पर सिमट सकती है।

वादों को पूरा नहीं कर पाई ऋषि सुनक की सरकार
उल्लेखनीय है कि ऋषि सुनक प्रधानमंत्री के पद पर इस वादे के साथ लाए गए थे कि उनकी सरकार मुद्रास्फीति को आधा करेगी, राष्ट्रीय ऋण को कम करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में सुधार करेगी, अवैध प्रवासियों को रोकेगी और अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाएगी। पार्टी ने वादा किया था कि वे आव्रजन लागत में बढ़ोतरी और कठोर शरणार्थी निर्वासन कानूनों जैसे विभिन्न उपायों को सफलतापूर्वक लागू करेगी। मगर ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।

ब्रिटेन की सियासत में हावी हुई लेबर पार्टी
इस बीच लेबर पार्टी ब्रिटेन की मौजूदा सियासत में अब सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी पर हावी होने लगी है। लेबर पार्टी ने सुनक सरकार से यूके के आम चुनावों की तारीख तय करने को कहा है। 15 मार्च को लेबर कार्यकर्ताओं ने वेस्टमिंस्टर में मुर्गों के वेश में प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां पकड़ रखी थीं जिन पर लिखा था, "ऋषि, अभी तारीख बताएं!"। लेबर पार्टी ने प्रधानमंत्री की विफलता के लिए उनका मजाक भी उड़ाया।  हालांकि, ब्रिटेन में भी आम चुनाव हर 5 साल में होते हैं, इसलिए सुनक को जनवरी 2025 तक एक तारीख तय करनी होगी।

 

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