November 25, 2024

पारिवारिक कारण का हवाला देकर शोभा ओझा ने कांग्रेस पार्टी के काम से किया किनारा

0

 इंदौर

 महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा ओझा ने आने वाले दिनों में पार्टी का काम करने से अक्षमता जाहिर कर दी है। ओझा ने इस बारे में प्रदेश के प्रभारी भंवर जितेंद्रसिंह के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को संदेश भेजा है। ओझा ने यह घोषणा ऐसे समय की है, जब कांग्रेस ने उन्हें आम चुनाव में इंदौर लोकसभा सीट का प्रभारी बनाया है। इस बारे में गुरुवार को ओझा का मैसेज वायरल हुआ। हालांकि इसके बाद कांग्रेस के हलकों में तेजी से चर्चा चली कि ओझा ने असल में पार्टी के कार्यकर्ताओं की टिप्पणी से आहत होकर काम न करने की घोषणा की है।

कांग्रेस ने शोभा ओझा के साथ पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को भी इंदौर लोकसभा सीट के लिए प्रभारी बनाया था। बीते दिनों सत्यनारायण पटेल उप्र में अपनी व्यस्तता का हवाला देकर इंदौर में समय न दे सकने की बात कह चुके हैं। अब ओझा ने भी किनारा कर लिया है। इस बारे में ओझा के समर्थकों ने उनका एक एसएमएस गुरुवार को बहुप्रसारित (वायरल) किया।

इसमें ओझा ने लिखा है कि दिल्ली में रहने वाली उनकी बहन की गंभीर बीमारी के कारण वे उनकी तीमारदारी में व्यस्त हैं। ऐसे में वे आने वाले कुछ सप्ताह तक पार्टी के कामों के लिए समय नहीं दे सकेंगी। हालांकि कांग्रेस के ही कई लोगों ने इस संदेश के पर सवाल उठा दिए। दरअसल, ओझा का जो एसएमएस पार्टी के वाट्सएप ग्रुपों पर चला उसमें तारीख नजर नहीं आ रही है।

पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी दबी जुबान में कह रहे हैं कि ओझा ने बीते दिनों इंदौर के कार्यकर्ताओं और पूर्व पदाधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणियों से आहत होकर यह निर्णय लिया है। दरअसल, ओज्ञा को प्रभारी बनाए जाने के बाद कांग्रेस के पदाधिकारी रहे अनूप शुक्ला ने इंटरनेट मीडिया पर ओझा की आलोचना करते हुए टिप्पणी लिख दी थी।

उन्होंने लिख दिया था कि पार्टी ने उन्हें विधायक से लेकर महापौर तक का चुनाव लड़ाया, लेकिन एक चुनाव नहीं जीत सकी। चुनाव के बाद वे कार्यकर्ताओं के बीच नहीं रहती। दिल्ली में प्रभाव के दम पर पद लेकर आ जाती है। कांग्रेस का बड़ा गुट कह रहा है कि टिप्पणी से आहत होकर ओझा ने चुनावी काम से दूरी बना ली। वर्ना वे पहले ही प्रभारी नहीं बनती। इसीलिए वायरल हुए मैसेज में तारीख व दिन भी छुपा लिया गया है। इस मामले पर ओझा से जब बात करने की कोशिश की तो वे उपलब्ध नहीं हुई।

अब वानखेड़े के जिम्मे
पटेल और ओझा के इंदौर से किनारा करने के बाद अब कांग्रेस के चुनावी काम का दारोमदार आगर के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े के कंधों पर आ गया है। तीन दिन पहले ही उन्हें कांग्रेस ने लोकसभा सीट के लिए सहप्रभारी बनाया है। दोनों वरिष्ठ नेताओं के किनारा करने के बाद पूरा प्रभार वानखेड़े पर आ गया है। दरअसल, कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय बम के वानखेड़े से पुराने संबंध हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि बड़े नेताओं के रुख को भांपकर बम के कहने पर ही वानखेड़े को इंदौर में जिम्मेदारी सौंपी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *