मध्यप्रदेश में एक बार फिर ओले-बारिश और तेज हवा का दौर शुरू, 11 अप्रैल तक पूरा प्रदेश भीगेगा
भोपाल
मध्यप्रदेश में एक बार फिर ओले-बारिश और तेज हवा का दौर शुरू हो गया है। रविवार की शाम भोपाल में तेज बारिश हुई। वहीं, सिवनी और बालाघाट के मलाजखंड में भी बूंदाबांदी हुई, जबकि रात में गुना, अशोकनगर, सीहोर, शाजापुर, बैतूल, नर्मदापुरम, सागर, राजगढ़, बालाघाट, डिंडोरी, विदिशा, रायसेन, धार, देवास, इंदौर, पांढुर्णा और मंडला जिलों में बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विभाग ने अगले 4 दिन यानी, 11 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में ओले गिरने और बारिश होने का अनुमान है।
नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी-पांढुर्णा में रेड अलर्ट
एक बार फिर ओले-बारिश और तेज हवा का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 11 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में बारिश होने का अनुमान है। जिसे देखते हुए मौसम विभाग ने नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी-पांढुर्णा में रेड अलर्ट जारी किया है।
अप्रैल में 7 साल से हो रही है बारिश
अप्रैल महीने में बीते 7 सालों से अप्रैल महीने में बारिश होती है. हर साल की तरह इस साल भी यह ट्रेंड जारी रहा है. आज शाम राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में बारिश हुई.
बता दें मौसम विभाग (MP weather) ने सोमवार को भी बादल छाए रहने की संभावना जताई है. जबकि अगले 2 दिन 9 और 10 अप्रैल को भी गरज-चमक के साथ कई जिलों में बारिश हो सकती है.
IMD के अनुसार फिलहाल प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने की वजह से बारिश का ट्रेंड बना है.
10 अप्रैल को भीगेगा पूरा एपमी
10 अप्रैल को सिस्टम ज्यादा स्ट्रॉन्ग होने के कारण प्रदेश के 40 से ज्यादा जिलोंं में बारिश और ओले गिरने की संभावना है. भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रीवा समेत पूरे प्रदेश में कहीं बारिश तो कहीं ओले-आंधी का दौर जारी रहने की संभावना है.
अगले 4 दिनों में भीगेगा एमपी
प्रदेश में अगले 4 दिनों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टी और आंधी का अलर्ट जारी किया गया है. 11 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में ओले गिरने और बारिश होने की संभावना है.
इस बीच 30Km से 60 Km प्रति घंटे की रफ्तार में आंधी भी चलेगी. मौसम वैज्ञानिकों ने अगले 4 दिनों के लिए एमपी के अलग अलग जिलों के लिए रेड, ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है.
बता दें इस समय खेतों में फसल की कटाई चल रही है. ऐसे में किसानों की परेशानी बड़ सकती हैं. गेंहू खरीद केंद्रों पर भी किसानों की कटी हुई फसल खुले में रखी हुई है.