गुरुग्राम: पानी की टंकी के गोदाम में लगी भीषण आग, चपेट में आई तीन बसें भी जलकर राख
गुरुग्राम
देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में भीषण आग लगने की घटना सामने आई है, इसमें तीन बसों को भी नुकसान हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुग्राम के शीतला माता रोड स्थित सीआरपीएफ चौक के समीप खाली जगह पर बने पानी की टंकी के गोदाम में मंगलवार को भीषण आग लग गई।
कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया और इसके बगल में वर्कशॉप में खड़ी तीन बसें भी इस आग चपेट में आ गईं, जो कुछ ही देर में पूरी तरह से जलकर राख हो गईं। मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक लाखों को नुकसान हो गया।
उधर, गोदाम मालिक राजकुमार सैनी का कहना है कि तकरीबन 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। आग इतनी विकराल हो गई कि नजदीक बने वर्कशॉप में खड़ी तीन बसें भी आग की चपेट में आ गईं। वहीं, सूचना पर मौके पर पहुंचीं दमकल की तीन गाड़ियां ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
वहीं, इससे पहले सोमवार को दिल्ली चांदनी चौक के कपड़ों के प्रसिद्ध बाजार कूचा नटवा में बीती रात भीषण आग लग गईं। आग के कारण अब तक 60 से अधिक दुकानें जलकर खाक हो चुकी है। इसके साथ ही एक इमारत पूरी तरह से ढह गई है, जबकि दो इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है।
संकरी गली में स्थित दुकानों में आग इतनी भयावह थी कि उसे बुझाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों को लगाना पड़ा। उनके साथ अग्निशमन विभाग के कुल 250 से अधिक जवान लगे। 50 से अधिक गाड़ियों को लगाया गया। गनीमत यह रही कि रविवार को साप्ताहिक बंदी के कारण दुकानें बंद थी, इसलिए उनमें कोई नहीं था। इसलिए कोई जनहानि नहीं हुईं। जबकि करोड़ों रुपये के कपड़े और अन्य सामान जलकर स्वाहा हो चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक रात्रि साढ़े 10 बजे के करीब कूचा नटवा में स्थित इमारत 1060 में आग लगी। इस पूरी इमारत में आरवी ट्रेडर्स के नाम से साड़ी व सूट का थोक का काम था। देखते ही देखते ही आग ने पूरी चार मंजिला इमारत को जद में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों व स्थानीय निवासियों ने इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ अग्निशमन विभाग और दुकानदारों को दी। धीरे-धीरे आग ने आस-पास की इमारतों में स्थित दुकानों को भी चपेट में ले लिया। बिल्डिंग नंबर 1061, 1066,1067, 1068, 1069 व 1070 में भी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।
अग्निशमन विभाग पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अग्निशमन विभाग की गाड़ियां सूचना के आधे घंटे बाद पहुंची। उसमें भी कर्मी अधिकारियों के आदेश का इंतजार करते रहे। इस कारण आग बुझाने की प्रक्रिया देर से शुरू हुईं। कूचा नटवा ट्रेडर्स एसाेसिएशन के अध्यक्ष हरविंदर पाल टक्कर ने कहा कि इसी तरह सुबह बचाव दल कर्मियों का शिफ्ट बदलने की प्रक्रिया में भी एक घंटे तक राहत व बचाव कार्य रूका रहा। इसी तरह आग बुझाने में तकनीकी गतिविधियों की जगह केवल पानी का ही उपयोग किया गया।
अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि फायर कंट्रोल रूम को रात 10:40 पर आग लगने की सूचना मिली थी। जानकारी मिलते ही मौके पर अलग-अलग स्थानों से आधा दर्जन आग बुझाने वाली गाड़ियां तुरंत भेजी गई, लेकिन आग की हालत को देखते हुए मौके पर गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई और 50 से ऊपर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर रात से सुबह तक पहुंची।
उन्होंने कहा कि कपड़े के दुकानों में आग लगी थी, इसलिए आग जल्दी फैल गई और इसको "गंभीर'' घोषित किया गया। गर्ग ने कहा कि संकरी गलियों के कारण गाड़ियाें के वापस आने के रास्ते नहीं थे, इसलिए करीब एक किलोमीटर गाड़ी को रिवर्स में लाना पड़ता था। फिर उसमें पानी भरकर गाड़ियां आग बुझाने के लिए अंदर जाती थी। जिसकी वजह से भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।