सीएम हेल्पलाइन पर स्वच्छता से जुड़ी 14 हजार से ज्यादा शिकायतें
इंदौर
स्वच्छता में सात बार देश का नंबर वन शहर रह चुके इंदौर की सफाई व्यवस्था धीरे-धीरे पटरी से उतरने लगी है। जगह-जगह कचरे के ढेर नजर आने लगे हैं। हालत यह है कि जिस शहर की स्वच्छता की मिसाल पूरे देश में दी जाती है, जिसका अपना खुद का स्वच्छता निगरानी सिस्टम है और जो 311 एप के माध्यम से शिकायतों के त्वरित निराकरण का दावा करता है, उस इंदौर की स्वच्छता को लेकर एक वर्ष में 14 हजार से ज्यादा शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर पहुंच चुकी हैं।
अब नगर निगम सफाई दे रहा है कि इनमें से ज्यादातर का निराकरण हो चुका है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही कह रही है। सिर्फ इंदौर ही नहीं ग्वालियर, जबलपुर भी स्वच्छता के मामले में सीएम हेल्पलाइन पर होने वाली शिकायतों को लेकर पीछे नहीं है। जबलपुर में एक वर्ष में सफाई व्यवस्था को लेकर 14 हजार शिकायतें दर्ज हुईं तो ग्वालियर में सिर्फ तीन माह में ही साफ-सफाई को लेकर साढ़े 13 हजार शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर पहुंच गईं।
इंदौर शहर में सड़क पर कचरा पेटी रखने की व्यवस्था भले ही वर्षों पहले खत्म हो गई हो लेकिन इन दिनों सड़क से कचरा खत्म नहीं हुआ। बिगड़ती सफाई व्यवस्था के चलते अब जगह-जगह कचरे के ढेर नजर आने लगे हैं। मुख्य मार्गों को छोड़ दें तो और कहीं सफाई नजर नहीं आ रही। चंदन नगर, आजाद नगर, खजराना, जूना रिसाला जैसे दर्जनों क्षेत्र हैं, जहां सफाई की व्यवस्था इतनी बदतर है कि खड़े रहना तक मुश्किल है।
सीएम हेल्पलाइन पर होने वाली हर तीसरी शिकायत निगम की
आंकडों की बात करें तो मार्च 2024 में सीएम हेल्पलाइन पर इंदौर से 13929 शिकायतें हुईं। इनमें से 4499 शिकायतें नगर निगम के खिलाफ हैं। यानी इंदौर से सीएम हेल्पलाइन पर होने वाली हर तीसरी शिकायत नगर निगम की है। इन 4499 शिकायतों में से दो हजार से ज्यादा शिकायतें सीवरेज और साफ-सफाई को लेकर हैं।
बिगड़ती सफाई व्यवस्था से परेशान हैं आमजन
वास्तविकता इसी से नजर आ जाती है कि इंदौर में सिर्फ मार्च में ही 788 शिकायतें सफाई व्यवस्था को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर पहुंचीं। इसके अलावा 1230 शिकायतें सीवेज की हैं। नगर निगम कितने ही दावे करे लेकिन नागरिकों तक आज भी साफ पेयजल नहीं पहुंच रहा। मार्च में 1025 शिकायतें पेयजल की समस्या को लेकर भी पहुंची हैं।
सबसे ज्यादा शिकायतें सीवर लाइन सफाई की
ग्वालियर में एक जनवरी 2024 से 10 अप्रैल 2024 तक साफ-सफाई से संबंधित 13578 शिकायतें दर्ज की गई। इनमें सीवर लाइन की सफाई, फागिंग, कचरा उठाने और झाड़ू लगाने, नाली सफाई, छिड़काव संबंधी और जलजमाव संबंधी शिकायतें शामिल हैं।
गाड़ियों के नहीं पहुंचने की शिकायतों का अंबार
जबलपुर से एक वर्ष में 14 हजार से ज्यादा शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर पहुंची। इनमें नियमित कचरा नहीं उठने, कचरा गाड़ियों के रोजाना नहीं पहुंचने, गली-मोहल्ला, कालोनियों में कचरे के ढेर लगने जैसी शिकायतों का भरमार है।