Russia ने Ukraine पर हमले के लिए बनाई नई परमाणु मिसाइल, ब्रह्मोस जैसी स्पीड
मॉस्को
रूस ने अपनी सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल Onyx को बदलकर जमीनी हमले लायक बना दिया है. पहले यह सिर्फ समुद्री युद्धपोतों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती थी. लेकिन अब इसका इस्तेमाल जमीन पर मौजूद टारगेट्स को हिट करने के लिए भी किया जाएगा. पहले यह मिसाइल K-300P Bastion-P कोस्टल डिफेंस सिस्टम का हिस्सा थी.
रूस ने इसमें अब नया एक्टिव सीकर हेड लगा दिया है, यानी अब यह मिसाइल जमीनी टारगेट के साथ-साथ हवाई टारगेट्स को भी नुकसान पहुंचा सकती है. इन मिसाइलों को क्रीमिया में तैनात किया गया है. जहां से ये यूक्रेन के ओडेशा और मिकोलेव इलाके में सटीक निशाना लगा रही है.
यूक्रेन इस मिसाइल को रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर कर रहा है. वह जीपीएस बंद कर देता है. नेटवर्क जाम कर देता है. लेकिन इसके बावजूद यह मिसाइल यूक्रेन के टारगेट्स को लगातार हिट कर रही है. ओनिक्स मिसाइल को याखोत (Yakhont) और SS-N-26 Strobile भी बुलाते हैं.
परमाणु हथियार लेकर भी कर सकती है हमला
इस मिसाइल का वजन 3000 किलोग्राम होता है. 2.3 फीट व्यास वाली इस मिसाइल की लंबाई करीब 29.2 फीट होती है. इसके विंगस्पैन 5.6 फीट के हैं. यह 300 किलोग्राम वजनी सेमी ऑर्मर पीयर्सिंग HE, थर्मोन्यूक्लियर वॉरहेड ले जा सकती है. यानी इस मिसाइल से किसी भी इमारत, टैंक, बख्तरबंद वाहन पर हमला किया जा सकता है. थर्मोन्यूक्लियर वॉरहेड का मतलब है परमाणु हथियार भी लगा सकते हैं.
ब्रह्मोस मिसाइल इसी प्लेटफॉर्म पर बनी है
इसके सात वर्जन मौजूद हैं. जिसमें से एक वर्जन ब्रह्मोस का है. यानी ब्रह्मोस मिसाइल इसी मिसाइल पर आधारित है. इसके सातों वर्जन की रेंज 120 से 600 किलोमीटर तक है. यह मिसाइल अधिकतम 46 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती है. इसे ट्रैक करना मुश्किल है क्योंकि यह जमीन और समंदर से मात्र 32 फीट की ऊंचाई पर उड़ती है.
सुपरसोनिक स्पीड से बढ़ती है टारगेट की तरफ
इसकी स्पीड 3180 km/hr है. यह टारगेट की तरफ बढ़ते समय बीच रास्ते में अपना रास्ता भी बदल सकती है. यानी भागता हुआ टारगेट भी इस मिसाइल से बच नहीं सकता. इसकी सटीकता 1.5 मीटर है. यानी टारगेट के आसपास अगर 1.5 मीटर की दूरी पर भी गिरती है, तो भी बर्बादी उतनी ही होगी, जितनी इसे करनी चाहिए.
टारगेट लॉक करो, दागो और भूल जाओ
इस मिसाइल का फायदा ये हैं कि आप इसे दागो और भूल जाओ. यह समंदर की सतह से थोड़ा ऊपर उड़ती है. यानी इसे ट्रैक करना मुश्किल है. टारगेट की तरफ बढ़ते समय हर फेज में इसकी गति हाई सुपरसोनिक होती है. इस मिसाइल के जमीनी, हवाई और पानी से दागने वाले वैरिएंट मौजूद हैं.