November 25, 2024

गुजरात के ये बिजनेसमैन संन्यासी बनेंगे, 200 करोड़ की संपत्ति की दान

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साबरकांठा

गुजरात के एक बिजनेसमैन और उनकी पत्नी ने अपनी 200 करोड़ की संपत्ति त्याग कर संन्यासी बनने का फैसला लिया है। ये दंपत्ति साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर का रहने वाला है। इन बिजनेसमैन का नाम भावेश भाई भंडारी बताया जा रहा है। उनके पास 200 करोड़ से ज्यादी की सपंत्ति बताई ज रही है जिसे अब उन्होंने दान में दे दिया है और सांसारिक मोह का त्याग कर संन्यास लेने का फैसला कर लिया है। भावेश भाई भंडारी का जन्म गुजरात के संपन्न परिवार में हुआ। वह अक्सर जैन समाज के दीक्षार्थियों से भेंट करते रहते थे।

भावेश भाई औऱ उनकी पत्नी से पहले  उनके 16 साल के बेटे और 19 साल की बेटी भी साल 2022 में सांसरिक मोह त्याग कर दीक्षार्थी बन गए थे। अब भावेश भाई और उनकी पत्नी ने भी इसी रास्ते पर चलने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने अपनी 200 करोड़ रुपए की संपत्ति का त्याग कर दिया है और कंस्ट्रक्शन के बिजनेस के साथ-साथ अन्य कामकाज को भी छोड़ दिया है।

बता दें, गुजरात के अहमदाबाद में 35 मुमुक्षु 22 अप्रैल को जैन दीक्षा लेंगे। मुमुक्षु उस व्यक्ति के लिए एक संस्कृत शब्द है जो मुक्ति प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करता है और ज्ञान और सत्य का साधक है । पुनर्जन्म चक्र से मुक्त होने के लिए, एक मुमुक्षु का लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करना होता है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण के 2,550 वर्ष के उत्सव के हिस्से के रूप में 35 मुमुक्षु 22 अप्रैल के शुभ दिन पर संसार त्याग कर भगवान महावीर के पंथ के ऊपर विजय प्रस्थान करने जा रहे हैं। विक्रम संवत 2080 के चैत्र सुद 14 को रिवर फ्रन्ट पर बनी भव्य, दिव्य और सुंदर अध्यात्म नगरी में दीक्षा के महानायक परम पूज्य आचार्यदेव श्री विजय योगतिलक सूरीश्वरजी महाराज के हाथों से 11 वर्ष के बालक से लेकर 56 वर्ष के प्रौढ आयु के 35 मुमुक्षु संसार का त्याग करके प्रभु वीर की राहपर प्रस्थान करेंगे।

इन मुमुक्षुओं के महाभिनिष्क्रमण के अवसर पर पांच दिवसीय भव्य महोत्सव का शुभारंभ 18 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा, जिसमें दुनिया भर से लगभग एक लाख धर्मनिष्ठ जैनियों के उपस्थित होने की उम्मीद है। पूज्य गुरु भगवंत सहित 400 श्रमण-श्रमणी भगवंतों के भव्य नगर प्रवेश पर स्वागत यात्रा 18 अप्रैल की सुबह धूमधाम से आयोजित की जाएगी। दीक्षा लेने वाले 35 मुमुक्षुओं का भव्य वर्षीदान का वरघोडा 21 अप्रैल की सुबह निकाला जाएगा, जो करीब एक किलोमीटर लम्बा होगा।

 

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