डिजिटल अरेस्ट मामले में पुलिस ने भोपाल से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया
नई दिल्ली
दिल्ली की रोहिणी साइबर पुलिस ने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर रेप केस में गिरफ्तारी का डर दिखाकर परिजनों से वसूली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने भोपाल से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 41 सिम कार्ड, चार फोन और 18 बैंक पासबुक बरामद की हैं। अभी तक गिरोह की ओर से पचास लोगों से पांच करोड़ रुपये ठगने की आशंका जताई जा रही है।
डीसीपी जीएस सिद्धू ने बताया कि रोहिणी सेक्टर-4 निवासी दीपक कुमार ने 7 मार्च को दी अपनी शिकायत में बताया था कि उन्हें अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि उसका बेटा दुष्कर्म के मामले में पुलिस हिरासत में है। उसने 70 हजार रुपये देने पर बच्चे को छोड़ने की बात कही और रुपये नहीं देने पर उसे जेल भेजने की धमकी दी। दीपक ने बेटे से बात कराने को कहा तो ठगों ने उसकी किसी शख्श से रुंधी सी आवाज में बात भी कराई।
इसके पर पीड़ित ने 70 हजार रुपये बताए हुए बैंक खाते में जमा करा दिए। इसके बाद उन्होंने बेटे को फोन किया तो पता चला कि वह अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था। पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाने में केस दर्ज कर लिया गया।
बैंक खातों से मिला आरोपियों का सुराग
साइबर थाने के एसएचओ चैतन्य अभिजीत की देखरेख में एसआई अंकित यादव और एसआई अंकुर तोमर की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस ने बैंक खातों की जांच शुरू कर गुरुवार को भोपाल से विश्वजीत गिरी को दबोचा। उसकी निशानदेही पर सुधीर पाल, रवि, कुंजीलाल और माया सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों से पूछताछ में सामने आया कि पकड़े गए आरोपी गिरोह के सदस्यों को सिम कार्ड और बैंक खाते मुहैया कराते थे। फिलहाल अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
ये सावधानी बरतें
● अगर कोई फंसाने की धमकी दे रहा है तो तुरंत परिजनों और पुलिस को इसकी सूचना दें
● फोन करने वाला डराकर सोचने का मौका नहीं देते, इसलिए उनकी बातों में नहीं आएं
● फोन पर बच्चे से बात कराए तो पुष्टि के लिए उससे परिवार की जानकारी पूछें