कौन चढ़ेगा चित्तौड़ का दुर्ग? दो बार के सांसद सीपी जोशी के लिए भितरघात बड़ी चुनौती
बाड़मेर/जोधपुर.
राजस्थान में इस बार लोकसभा चुनाव चौंकाने वाले हो सकते हैं। पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का यहां खाता नहीं खुला लेकिन, इस बार यहां ऐसी कई सीटें हैं जिनसे कांग्रेस को काफी उम्मीदे हैं। टफ फाइट वाली सीटों में अब तक बाड़मेर, जोधपुर, करौली-धौलपुर, भरतपुर, दौसा, टोंक सवाई माधोपुर, चूरू, झुंझुनू की चर्चाएं हो रही हैं। लेकिन, इनके अलावा चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट भी इस बार चौंकाने वाले नतीजे दे सकती है।
यहां भाजपा में एंटी लॉबी का बहुत बड़ा असर देखने को मिल सकता है। यह सीट चंद्रभान आक्या, गुलाबचंद कटारिया और वसुंधरा राजे के प्रभाव वाली है। भाजपा ने यहां प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को चुनावी मैदान में उतारा है जो पिछले दो चुनाव से लगातार जीत रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने अपने पूर्व मंत्री और 1998 में चित्तौड़गढ़ से सांसद रह चुके उदयलाल आंजना को चुनावी रण में भेजा है। प्रत्याशियों की तुलना की जाए तो इस सीट पर भाजपा का पलड़ा भारी हो सकता है, क्योंकि सीपी जोशी लगातार 2 बार यहां से चुनाव जीत रहे हैं। लेकिन, इस बार चुनाव कई मोर्चों पर लड़ा जा रहा है। विधानसभा चुनाव में चित्तौड़गढ़ लोकसभा में आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 6 पर जीत दर्ज की थी। वहीं, एक पर कांग्रेस और एक पर भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े चंद्रभान सिंह आक्या जीते थे।