देश की पहली नेजल वैक्सीन को मिली DCGI की अनुमति
नई दिल्ली
कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक हथियार और मिल गया है। भारत बायोटेक की चिंपांजी एडेनोवायरस वेक्टरेड रीकॉम्बिनेंट नेजल वैक्सीन को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की अनुमति मिल गई है। आपातकालीन स्थितियों में 18 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों को इसके उपयोग की अनुमति दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर यह खबर दी। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'यह कदम महामारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा। भारत ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने विज्ञान, अनुसंधान एवं मानव संसाधन का उपयोग किया है। विज्ञान संचालित दृष्टिकोण और सबके प्रयास से हम COVID-19 को हरा देंगे।'
मानव संसाधन व विज्ञान का मोदी ने किया बेहतर उपयोग
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत मानव संसाधनों का भरपूर उपयोग कर रहा है। यहां विज्ञान, अनुसंधान पर पूरा फोकस हो रहा है। हमने अपने विज्ञान, अनुसंधान और विकास और मानव संसाधन का उपयोग किया है। इसी का नतीजा है कि आज हम दुनिया में सबसे पहले वैक्सीन बना सके। महामारी से न केवल देशवासियों को सुरक्षित करने में सफल रहे बल्कि वैश्विक दुनिया में भी मदद कर सके।
फरवरी में ग्लेनमार्क ने लांच किया था नेजल स्प्रे
मुंबई स्थित ग्लेनमार्क ने बीते फरवरी में कोविड-19 पीड़ित वयस्कों के इलाज के लिए नेजल स्प्रे वैक्सीन लांच किया था। SaNOtize के साथ साझेदारी में ग्लेनमार्क ने भारत में FabiSpray लांच किया था। अब कंपनी ने मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग का अप्रूवल ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से प्राप्त कर लिया है। कंपनी ने नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे के लिए अप्रूवल लिया है। एक अधिकारिक बयान में बताया गया है कि भारत में थर्ड फेज का ट्रॉयल पूरा हो चुका है। नेजल स्प्रे से कोविड मरीजों में 24 घंटे में 94 परसेंट का वायरल लोड कम हो गया जबकि 48 घंटों में 99 प्रतिशत वायरल लोड की कमी दर्ज की गई।
नेजल वैक्सीन (नाक का टीका) क्या है?
इसमें वैक्सीन की खुराक नाक के माध्यम से दी जाती है, न कि मौखिक रूप से या हाथ के माध्यम से. वैक्सीन को या तो एक विशिष्ट नाक स्प्रे के जरिए या एरोसोल डिलीवरी के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है.
पिछले महीने पूरा किया परीक्षण
भारत बायोटेक ने पिछले महीने अपने इंट्रानैसल (Intranasal) कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के लिए तीसरे चरण और बूस्टर खुराक का परीक्षण पूरा किया था. जिसके बाद भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा था कि इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन के लिए दो अलग-अलग परीक्षण किए हैं, एक पहली डोज के रूप में और दूसरा बूस्टर खुराक के रूप में.