November 27, 2024

प्रधानमंत्री मोदी अपने जन्म दिवस 17 सितम्बर को आएंगे मध्यप्रदेश

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भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने  मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रीगण को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अपने जन्म-दिवस 17 सितंबर को कूनो पधारेंगे। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दक्षिण अफ्रीका से आ रहे चीतों का कूनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश कराया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी कराहल (श्योपुर) में महिला स्व-सहायता समूह के सम्मेलन को संबोधित भी करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता समर में डॉ. हेडगेवार के योगदान पर बालाघाट के रामपायली में स्मारक स्थापित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यह ग्राम उनकी कर्म भूमि रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रशासनिक और मानवीय दृष्टि से बहुत जरूरी स्थानांतरण के लिए 17 सितंबर से 5 अक्टूबर तक छूट दी जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराने के लिए 17 सितंबर से अभियान आरंभ होगा। साथ ही 2-2 मंत्रियों के समूह गठित किए जाएंगे, जो आवंटित जिलों का भ्रमण करेंगे। वे जिले में विकास कार्यों की गुणवत्ता, पात्र व्यक्तियों को हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभ की उपलब्धता की स्थिति का जायजा लेंगे। मंत्रीगण गरीब बस्तियों में भ्रमण और संपर्क कर वहाँ की स्थिति देखेंगे। साथ ही वे बुद्धिजीवियों से भी चर्चा करेंगे। जन-सामान्य को जागरूक करने, योजनाओं की जानकारी देने के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन और शासकीय गतिविधियों में कमी या दोष पाए जाने पर आवश्यक कार्यवाही भी मंत्रीगण द्वारा जिलों में की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा तथा लोक निर्माण राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ शिवपुर-सीधी और बैतूल, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव तथा सूक्ष्म लघु और मध्यम-उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा आगर-मालवा, सिंगरौली, झाबुआ और खंडवा, जल-संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह भिण्ड, शिवपुरी, शाजापुर और रायसेन का दायित्व संभालेंगे। इसी प्रकार वन मंत्री कुंवर विजय शाह और उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मंडला, अनूपपुर और उमरिया, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ग्वालियर, बुरहानपुर और हरदा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया तथा पर्यटन मंत्री सुऊषा ठाकुर विदिशा, कटनी और नीमच तथा नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह और जनजातीय कार्य मंत्री सुमीना सिंह अशोक नगर, मुरैना, सतना और शहडोल जिले की गतिविधियाँ देखेंगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इसी क्रम में सामाजिक न्याय मंत्री प्रेम सिंह पटले तथा नगरीय विकास राज्य मंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया निवाड़ी, पन्ना और नरसिंहपुर, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल तथा राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत देवास, दमोह और उज्जैन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव और औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव जबलपुर, छिंदवाड़ा और राजगढ़ का दायित्व संभालेंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह सिवनी, छतरपुर और खरगोन, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया और आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर कावरे डिंडोरी, गुना, अलीराजपुर, रीवा तथा लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव टीकमगढ़, होशंगाबाद, इंदौर, बड़वानी तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और नवीन एवं नवकरणीय उर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग को भोपाल, सीहोर, दतिया और सागर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इसके साथ ही 4 मंत्री समूह गठित किए जाएंगे। पहला समूह हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को उपलब्ध कराने की गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेगा। समूह में मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मंत्री विश्वास सारंग, मंत्री कमल पटेल, मंत्री बिसाहूलाल सिंह, मंत्री राम खेलावन पटेल, मंत्री अरविंद भदौरिया और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह शामिल होंगे।

दूसरा समूह मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के आयोजन की रूपरेखा तैयार कर उसका क्रियान्वयन करेगा। एक सप्ताह चलने वाला यह आयोजन प्रदेशवासियों का आनंद का प्रकटीकरण होगा। समूह में मंत्री भूपेंद्र सिंह, मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, मंत्री सुऊषा ठाकुर, मंत्री सुमीना सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार, मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव और मंत्री हरदीप सिंह डंग होंगे।

तीसरा समूह जिलों के भ्रमण एवं संचालित गतिविधियों के संबंध में कार्य-योजना और आवश्यक समन्वय करेगा। समूह में मंत्री गोपाल भार्गव, मंत्री तुलसी सिलावट, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मंत्री जगदीश देवड़ा और मंत्री विजय शाह शामिल होंगे।

चौथा समूह प्रधानमंत्री मोदी के जन्म-दिवस 17 सितंबर से आरंभ सेवा पखवाड़े में संचालित की जाने वाली गतिविधियों पर केन्द्रित होगा। समूह में मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव, मंत्री महेंद्र सिंह, मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, मंत्री डॉ. मोहन यादव तथा मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा होंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बालाघाट के रामपायली में भारतीय स्वतंत्रता समर में डॉ. हेडगेवार के योगदान को चित्रित किया जाएगा। रामपायली में डॉ. हेडगेवार के स्मारक के संदर्भ में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि उनका सबसे पहला उल्लेख 22 जून 1897 का मिलता है। डॉ. हेडगेवार जी की आयु जब लगभग 8-9 वर्ष थी, तब रानी विक्टोरिया की ताजपोशी की 60वीं वर्षगाँठ पर नागपुर में हुए आयोजन में बालक हेडगेवार वहाँ मिली मिठाई फेंक कर घर लौट आए थे। बालक केशव ने स्कूल में वंदे-मातरम का गायन कर अंग्रेजों के सर्कुलर का उल्लंघन कर विरोध किया था।

डॉ. हेडगेवार वर्ष 1910 में डॉक्टरी की पढ़ाई के दौरान कोलकाता में देश की प्रमुख क्रांतिकारी संस्था अनुशीलन समिति से जुड़े। नागपुर लौटने पर वे वर्ष 1915 में कांग्रेस में सक्रिय हो गए और कुछ समय में विदर्भ प्रांतीय कांग्रेस के सचिव बने। वर्ष 1920 में जब नागपुर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ तो डॉ. हेडगेवार ने पूर्ण स्वतंत्रता को लक्ष्य बनाने का प्रस्ताव रखा, जो पारित नहीं किया गया। डॉ. हेडगेवार वर्ष 1916 में लोकमान्य तिलक से प्रभावित हुए और भारतीय स्वतंत्रता के लिए काम करने लगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि डॉ. हेडगेवार का नाता रामपायली से बाल्यावस्था से रहा है और यह ग्राम हेडगेवार की कर्मभूमि रही है। डॉ. हेडगेवार कलकत्ता (वर्तमान कोलकता) से एमबीबीएस करने के बाद वर्ष 1914 और आरएसएस की स्थापना वर्ष 1925 के पहले रामपायली में रह कर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की विभिन्न गतिविधियों को संचालित करते रहे। डॉ. हेडगेवार ने रामपायली में स्वातंत्र्य समर के लिए अपनी पहली सभा दशहरे के दिन की थी। डॉ. हेडगेवार ने रामपायली में रह कर ही जंगल सत्याग्रह सहित अनेक क्रांतिकारी गतिविधियों की रचना की और यहीं से उसका क्रियान्वयन किया। डॉ. हेडगेवार अंग्रेज सरकार के खिलाफ उग्र भाषण देने लगे, अंग्रेज सरकार ने उन पर मामला दर्ज किया और उनको एक वर्ष की सश्रम कारावास की सजा दी गई। डॉ. हेडगेवार 12 जुलाई 1922 को कारागार से मुक्त हुए। उन्होंने वर्ष 1925 में संघ की स्थापना कर दी थी। वर्ष 1930 में नमक आंदोलन के दौरान भी वे जेल गए।

 

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