छत्तीसगढ़ फॉर्मूले पर चुनाव जीतना चाहती है कांग्रेस, इधर सफाया करने पर तुली बीजेपी
रायपुर.
कांग्रेस अपने छत्तीसगढ़ फॉर्मूले के दम पर लोकसभा चुनाव में फतह हासिल करना चाहती है। छत्तीसगढ़ में पहली बार कांग्रेस की सरकार में हुई किसान कर्जमाफी योजना को पूरे देश में लागू करना चाहती है। यह कांग्रेस के एक बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है। बस्तर की धरती से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस संबंध में ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि साल 2018 में छत्तीसगढ़ में जब हमारी सरकार बनी तो हमने प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ किया था। उनसे समर्थन मूल्य पर धान खरीदा था। अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी, तो यही योजना देशभर में लागू करेंगे। किसानों का कर्जा माफ करेंगे। महिलाओं को सलाना एक लाख रुपये और युवाओं को रोजगार देंगे। अग्निपथ योजना बंद करेंगे। युवाओं को अप्रेंटिसशिप का अधिकार देंगे। इन्हीं वादों के सहारे कांग्रेस देश में लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है।
छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर कब्जा करना चाहती है।
दूसरी ओर विधानसभा चुनाव 2023 में मिली शानदार जीत से भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है। शुरुआती दौर में छत्तीसगढ़ भाजपा के सुस्त रफ्तार के बाद बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के सीनियर नेताओं ने जिस तरह से विधानसभा चुनाव 2023 में छत्तीसगढ़ का मोर्चा संभाला था। प्रदेश में धुआंधार प्रचार किया था।
ठीक उसी तरह लोकसभा चुनाव 2024 में भी बीजेपी यही क्रम दोहराना चाहती है। केंद्रीय नेतृत्व के नेता लगातार छत्तीसगढ़ में दौरा कर रहे हैं। बीजेपी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। इसलिए बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस से पहले ही एक ही चरण में 11 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दी थी, जबकि कांग्रेस उसके बाद तीन बार में लिस्ट जारी की है। प्रचार-प्रसार के मामले में भी बीजेपी कांग्रेस से आगे चल रही है। बीजेपी चुनाव प्रभारी नीतिन नबीन मोर्चा संभाले हुये हैं। पीएम नरेंद्र मोदी बस्तर में तो राजनाथ सिंह दंतेवाड़ा और बालोद, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खैरागढ़ जिले में ही चुनावी सभा कर चुके हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ही बस्तर में चुनावी सभा हुई है। बीजेपी के केंद्रीय और स्थानीय नेता प्रदेश की सभी 11 की 11 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। बीजेपी प्रदेश में पूरी तरह से कांग्रेस का सफाया करने पर तूली हुई है। विगत दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की 11 में से 1 और 2 सीटें कब्जे में रही हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में दुर्ग से कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू चुनाव जीते थे बाकी 10 सीटों पर बीजेपी ने बाजी मारी थी। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस ने बस्तर और कोरबा का किला जीती थी। बस्तर से दीपक बैज, तो कोरबा से पूर्व केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत जीती थीं।
इस बार बीजेपी पूरी तरह से मैदान खाली करवाना चाहती है। सभी 11 की 11 सीटों पर कब्जा करना चाहती है। वह फुल कॉफिंडेंस में है। हालांकि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के रूप में सचिन पायलट छत्तीसगढ़ किले में मोर्चा संभाले हुए हैं, लेकिन कांग्रेस अपने ही अंदर भितरघात से जूझ रही है। पार्टी में सिर फुटौवल का सिलसिला जारी है। समय-समय पर लेटरबाजी कर 'पार्टी में बम' फोड़ रहे हैं। इस बम के आवाज की गूंज उनके दिल्ली हाईकमान तक गूंज रही है। पार्टी इससे परेशान हैं और इसे फौरीतौर पर सुलझाने में ही लगी हुई है। तमाम तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। चुनाव से पहले नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का दौर भी चल रहा है। दूसरी ओर पार्टी सख्त कदम उठाते हुए चुनाव छोड़ ऐसे नेताओं को बर्खास्त करने और अनुशासन का पाठ पढ़ाने में भी लगी हुई है।
कांग्रेस के कार्यकर्ता एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं। बयानबाजी कर रहे हैं। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सामने ही मंच से अपनी भड़ास सुनाने से बाज नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान तक लेटर लिखकर पूर्व सीएम की शिकायत कर रहे हैं। भूपेश राज के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पू्र्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत का कहना है कि हम बीजेपी की तरह 400 प्लस सीटें जीतने का दावा नहीं करते हैं पर छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से 3 से 4 सीटे जीतने का पूरा प्रयास जरूर करेंगे।
छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम ——
लोकसभा सीट जीत
सरगुजा – कमलभान (भाजपा)
रायगढ़- विष्णुदेव साय (भाजपा)
जांजगीर-चांपा – कमला देवी पाटले (भाजपा)
कोरबा – बंशलाल महतो (भाजपा)
बिलासपुर – लखनलाल साहू (भाजपा)
राजनांदगांव- अभिषेक सिंह (भाजपा)
दुर्ग- ताम्रध्वज साहू (कांग्रेस)
रायपुर – रमेश बैस (भाजपा)
महासमुंद- चुन्नीलाल साहू (भाजपा)
बस्तर- दिनेश कश्यप (भाजपा)
कांकेर – विक्रम उसेंडी (भाजपा)
छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम ————-
लोकसभा सीट जीत
सरगुजा रेणुका सिंह (भाजपा)
रायगढ़ गोमती साय (भाजपा)
जांजगीर गुहाराम अजगले (भाजपा)
कोरबा ज्योत्सना महंत (कांग्रेस)
बिलासपुर अरुण साव (भाजपा)
दुर्ग विजय बघेल (भाजपा)
रायपुर सुनील कुमार सोनी (भाजपा)
महासमुंद चुन्नीलाल साहू (भाजपा)
बस्तर दीपक बैज (कांग्रेस)
कांकेर मोहन मंडावी (भाजपा)
राजनांदगांव संतोष पांडे (भाजपा)