November 24, 2024

सुप्रीम कोर्ट बिलकिस बानो गैंगरेप केस की सुनवाई 9 सितंबर को करेगा

0

नई दिल्ली
 बिलकिस बानो गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट से पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद बंधी है। इस केस के सभी 11 आरोपियों की समय से पहले रिहाई के बाद पीड़ित परिवार दहशत में जी रहा है। मामले में 11 आरोपियों को समय से पहले रिहा किए जाने के गुजरात सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में 9 सितंबर को सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है।

उल्लेखनीय हो कि 15 अगस्त को गुजरात सरकार की क्षमा नीति के तहत बिलकिस बानो गैंगरेप केस के सभी 11 आरोपियों को जेल से रिहा किया गया था। इन आरोपियों की रिहाई के बाद कई सामाजिक संगठनों ने सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए थे। देश के पूर्व CJI एनवी रमना के आखिरी वर्किंग डे यानी 25 अगस्त को उनकी अगुवाई वाली बेंच ने बिलकिस बानो केस में गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को जारी किया था नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने ये नोटिस बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को लेकर जारी किया था। दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से पूछा कि क्या नियमों के तहत दोषी छूट के हकदार हैं?

कोर्ट ने यह पूछा था कि क्या इस मामले में छूट देते समय एप्लिकेशन ऑफ माइंड का इस्तेमाल किया गया था? बिलकिस केस के दोषियों की रिहाई के खिलाफ सोशल एक्टिविस्ट रूप रेखा वर्मा, CPI (M) नेता सुभाषिनी अली और स्वतंत्र पत्रकार और फिल्ममेकर रेवती लाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

क्या है बिलकिस बानो गैंग रेप केस

बिलकिस बानो गैंगरेप केस गुजरात में साल 2002 में हुए भीषण दंगे के दौरान भीड़ द्वारा एक परिवार पर ढाया गया जुल्म का सितम है। 28 फरवरी 2002 को जब गुजरात दंगा शुरू हुआ तो 5 महीने की गर्भवती बिलकिस बानो अपने परिवार के 15 लोगों के साथ एक खेत में जा छिपी थीं।

3 मार्च 2002 को हाथ में लाठी-डंडा और तलवार लिए 20-30 लोग वहां पहुंच गए। इन लोगों ने न सिर्फ बिलकिस के परिवार के 7 लोगों की बेरहमी से हत्या की, बल्कि कई लोगों ने बिलकिस के साथ रेप किया।

2008 में सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा

2008 में CBI की एक विशेष अदालत ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद से सभी आरोपी गुजरात के जेल में बंद थे। सीबीआई की विशेष अदालत ने इस केस के 7 आरोपियों को सबूत के आभाव में बरी कर दिया गया। जबकि ट्रायल के दौरान ही एक आरोपी की मौत हो गई थी। इधर से यह मामला तब चर्चा में आया जब बिलकिस बानो गैंगरेप केस के 11 आरोपियों को गुजरात सरकार ने क्षमा नीति के तहत समय से पहले जेल से रिहा कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed