बड़वानी जिले में सूरज के तेवर तीखे, 42 डिग्री सेल्सियस के पार हुए पारे ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया
बड़वानी
अत्यधिक गर्मी के लिए प्रसिद्ध बड़वानी जिले में सूरज के तेवर तीखे हो गए है। 42 डिग्री सेल्सियस के पार हुए पारे ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। भीषण गर्मी हलाकान कर रही है। दोपहर के समय बाजार में सन्नाटा पसर रहा है। लोग घरों में कैद होकर कूलर पंखे और एसी की ठंडी हवा से गर्मी से राहत पा रहे हैं। शाम के समय राजघाट पर नर्मदा स्नान व जलक्रीड़ा के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। शीतलपेय की दुकानों पर भी देर रात तक लोगों का तांता लगा रहता है। वहीं गर्मी में लू और तापघात से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेखा जमरे ने बताया कि जिले में अत्यधिक गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए लू-तापघात से बचाव के लिए एडवायजरी जारी की गई है। गर्मी में शुष्क वातावरण में लू, तापघात की संभावना जानलेवा भी हो सकती है। लू से बचाव के लिए गर्मी के दिनो में धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले सूती वस्तों का प्रयोग करें। भोजन करके एवं पानी पीकर ही बाहर निकलें। गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तोलिये से ढ़ंककर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्मे व छतरी का प्रयोग करें। गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पीये एवं पेय पदार्थो का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें। बाहर जाते समय अपने साथ पानी रखे।
चिकित्सकों के अनुसार गर्मी के दिनों में बच्चों का विशेष ध्यान रखे। बच्चों को सिखाये कि जब भी उन्हें अधिक गर्मी महसूस हो तो वे तुरन्त घर के अंदर आये, गर्मी के दिनो में बुजुर्गो का भी विशेष ध्यान रखे। उन्हें धूप में घर से बाहर न निकलने दे। समय-समय पर पानी पीने के लिए प्रेरित करें। सुपाच्य भोजन एवं तरल पदार्थो का सेवन कराए। गर्मी के दिनो में ठंडे मौसमी फलों का सेवन करें। तीव्र धूप को घर के अंदर आने से रोके। पालतू जानवरों को भी कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़े। संतुलित व हल्का तथा नियमित भोजन करे।
यह है लू के लक्षण
लू में गर्म लाल और सूखी त्वचा, शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है। इसके प्रभाव से मितली या उल्टी आना, बहुत तेज सिर दर्द, मांसपेशियो में कमजोरी या ऐंठन, सांस फूलना या दिल की धडकन तेज हो जाना। घबराहट होना, चक्कर आना, बेहोशी और हल्का सिरदर्द हो सकता है। रोगी को तुरन्त छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लिटा दे एवं हवा करें। रोगी के बेहोश होने की स्थिति में कोई भी भोज्य, पेय पदार्थ ना दे एवं तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। रोगी के होश में आने की दशा में उसे ठंडे पेय पदार्थ जीवन रक्षक घोल, कच्चे आम का शर्बत (पना) आदि दे। रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिए संभव हो तो उसे ठंडे पानी से स्नान कराये या उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टिया रखकर पूरे शरीर को ढक दे, इस प्रक्रिया को तब तक दोहराये, जब तक कि शरीर का ताप कम नही हो जाता।