ईरान को भुगतने होंगे अपनी करनी के परिणाम : आईडीएफ प्रमुख
ईरान को भुगतने होंगे अपनी करनी के परिणाम : आईडीएफ प्रमुख
हमास ने नए युद्धविराम समझौते का प्रस्ताव रखा, बंधकों की रिहाई से पहले युद्ध से छह हफ्ते का ब्रेक मांगा
ईरान की इजराइल को धमकी-ऐसे हथियारों का यूज करेंगे जिनका पहले कभी नहीं हुआ…
तेल अवीव
इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हरजी हलेवी ने कहा है कि ईरान को अपनी करनी के परिणाम भुगतने होंगे। दक्षिणी इजराइल में नेवातिम हवाई अड्डे का दौरा करने के बाद हलेवी ने कहा कि सुबह इजराइल पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन हमले का जवाब दिया जाएगा। हलेवी ने कहा, इजराइल अपनी रक्षा करने में सक्षम है।
ईरान ने सुबह इजराइल पर मिसाइलों व ड्रोन से हमला किया था। आईडीएफ ने कहा है कि इनमें से 99 प्रतिशत को इजराइल पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया और विफल कर दिया गया। आईडीएफ प्रमुख ने कहा कि उनकी सेना ने ईरानी हमलों को विफल कर दिया। उन्होंने कहा कि आईडीएफ की रक्षा में संयुक्त राज्य अमेरिका की सेंट्रल कमांड, ब्रिटिश सशस्त्र बल, फ्रांसीसी सशस्त्र बल और अन्य सेनाएं शामिल थीं। हलेवी ने कहा कि आईडीएफ किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए तैयार है।
हमास ने नए युद्धविराम समझौते का प्रस्ताव रखा, बंधकों की रिहाई से पहले युद्ध से छह हफ्ते का ब्रेक मांगा
गाजा,
गाजा में जारी संघर्ष के बीच हमास ने युद्धविराम और बंधकों की रिहाई का समझौता पेश किया. मांग की गई कि इजरायल अक्टूबर से आतंकवादी समूह द्वारा रखे गए 129 बंधकों में से किसी को भी लेने से पहले छह सप्ताह के युद्धविराम का पालन करे. द टाइम्स ऑफ इज़राइल ने हिब्रू दैनिक हारेत्ज़ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ये सूचना दी गई है. इससे पहले इजरायल ने भी युद्धविराम का प्रस्ताव दिया था, जिसे हमास ने खारिज कर दिया था. कथित तौर पर आतंकवादी समूह का प्रस्ताव शनिवार देर रात अमेरिका की मध्यस्थता वाले समझौते को खारिज करने के बाद प्रस्तुत किया गया था.
इज़राइल को गाजा में सभी लड़ाई बंद करनी होगी
द टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्ताव में हमास ने इज़राइल रक्षा बल (आईडीएफ) पर एक शर्त रखी. कहा है कि इज़राइल को गाजा में सभी लड़ाई बंद करनी होगी. छह सप्ताह के लिए शहरी क्षेत्रों से पीछे हटना होगा, जिससे विस्थापित फिलिस्तीनियों को उत्तर लौटने की अनुमति मिल सके.कहा गया है कि छह सप्ताह की समाप्ति के बाद ही किसी भी बंधक को रिहा किया जाएगा.
प्रत्येक बंदी सैनिक के बदले 50 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा
आगे कहा है कि इन सप्ताहों में बंधकों का पता लगाया जाएगा, वे किस स्थिति में हैं. हमास के मसौदे में कहा गया है कि प्रत्येक इजरायली नागरिक के लिए 30 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा. यह भी मांग की गई कि प्रत्येक बंदी सैनिक के बदले 50 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाए, जिनमें से 30 आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा
टाइम्स ऑफ इज़राइल की खबर के मुताबिक, इज़राइल ने पहले भी इसी तरह की मांगों को ‘भ्रमपूर्ण’ कहकर खारिज कर दिया था. हमास ने फिलिस्तीनी कैदियों की संख्या, साथ ही उनके अपराधों की गंभीरता की मांग की थी. पिछले कई दौर की वार्ताओं में भी यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को हमास ने इजरायल की बंधक समझौते की बातचीत और युद्धविराम पर अपनी प्रतिक्रिया सौंपी और अपनी मांगों पर कायम रहते हुए उसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.
हमास ने कहा कि वह स्थायी युद्धविराम, संपूर्ण गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी, उत्तरी गाजा और अन्य क्षेत्रों में फिलिस्तीनियों की वापसी, मानवीय सहायता में वृद्धि और पट्टी के पुनर्निर्माण की शुरुआत की अपनी मूल मांगों पर कायम है.
ईरान की इजराइल को धमकी-ऐसे हथियारों का यूज करेंगे जिनका पहले कभी नहीं हुआ…
तेहरान,
ईरान और इजराइल के बीच तनाव जारी है. दोनों एक-दूसरे को धमकियां दे रहे हैं. अब ईरान का कहना है कि अगर इजराइल ने जवाबी हमला किया तो ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करेगा, जिनका पहले कभी उपयोग न हुआ हो. वहीं, इजराइल का भी कहना है कि वह ईरान के हमलों का जवाब देगा.
इजराइल बोला- ईरानी हमले का जवाब देंगे, पीएम के फैसले का इंतजार
इजराइल के सैन्य प्रमुख ने (स्थानीय समय) को कहा कि देश ईरान के सप्ताहांत हमले का जवाब देगा. देश प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के फैसले का इंतजार कर रहा है. ईरान का भी कहना है कि वह इजराइल के किसी भी हमले का सेकेंड में जवाब देगा और जरूरत पड़ने पर पहले कभी इस्तेमाल न किए गए हथियारों को भी तैनात करेगा. इजरायली सैन्य प्रमुख हरजी हलेवी ने जोर देकर कहा कि इजरायल अपने अगले कदमों पर विचार कर रहा है और 13 अप्रैल के ईरानी हमले का जवाब दिया जाएगा.
वहीं, ईरान के उप विदेश मंत्री अली बघेरी कान ने जोर देकर कहा कि ईरान की ओर से प्रतिक्रिया की गति कुछ सेकंड से भी कम होगी। गौरतलब है कि 13 अप्रैल को ईरान ने पहली बार अपने कट्टर दुश्मन इजराइल पर सीधा हमला किया और 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे. यह हमला सीरिया की राजधानी दमिश्क में तेहरान के वाणिज्य दूतावास भवन पर 1 अप्रैल को हुए घातक हवाई हमले के जवाब में हुआ था. जिसके लिए ईरान ने इजराइल को दोषी ठहराया था.
अपनी रक्षा के लिए जो भी जरूरत होगी वो करेगा इजराइल
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के हमले की प्रतिक्रिया के बारे में निर्णय लेने के लिए सोमवार को 24 घंटे से भी कम समय में दूसरी बार अपने युद्ध मंत्रिमंडल को बुलाया. सरकार ने अभी तक किसी भी फैसले पर कोई घोषणा नहीं की है. इजराइली प्रधानमंत्री के कार्यालय ने कहा कि नेतन्याहू ने अमेरिका के शीर्ष अधिकारी स्टीव स्कैलिस के साथ बातचीत में कहा कि इजरायल अपनी रक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा वह करेगा।