मौसम में आए बदलाव के कारणन्यूनतम पारा 23 डिग्री सेल्सियस रहा और अधिकतम पारा 41 डिग्री सेल्सियस रहा था
भिंड
मौसम में आए बदलाव के कारण शनिवार-रविवार रात न्यूनतम पारा 23 डिग्री सेल्सियस रहा। साल 2023 में 21 अप्रैल की रात न्यूनतम पारा 22 डिग्री था और अधिकतम पारा 41 डिग्री सेल्सियस रहा था। यानी इस रात का पारा एक डिग्री सेल्सियस की बढ़त पर है। न्यूनतम पारा बढ़ने से लोगों को रात के समय भी गर्मी सता रही है। वहीं रविवार को दिन में अधिकतम पारा 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गर्मी के कारण चौराहे और बाजार दोपहर में सूने रहे। एक तरफ गर्मी और दूसरी तरफ गर्म हवाओं से बचने के लिए हर कोई मुंह ढककर चल रहा है। युवतियां जहां स्टाल वहीं युवा वर्ग तौलिया बांधकर चल रहा है। महिलाएं भी अपने बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए ढंढकर चल रही हैं।
जिला स्वास्थ्य समिति ने लू तापघात से बचने अलर्ट जारी किया
सीएमएचओ डा. शिवराज सिंह कुशवाह ने कहा कि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। गर्मियों के मौसम में वातावरण में अधिक तापमान के बदलाव से लू लगने की संभावना होती है। इसके साथ-साथ खाद्य व पेय पदार्थों के दूषित होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। जिसके लिए जिले में पूर्व में ही अलर्ट जारी किया गया है। सीएमएचओ ने कहा कि आमजन धूप व गर्मी से बचें। घर के अंदर हवादार, ठंडे स्थान पर रहें। यदि बाहर कार्य करना अति आवश्यक हो तो बाहरी गतिविधियां सुबह व शाम के समय में ही करें।
जिला अस्पताल में बढ़े मरीज
गर्मियां शुरू होते ही जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। रविवार को अस्पताल में वायरल-बुखार के सबसे अधिक मरीज देखे गए। दिन-प्रतिदिन मरीजों की तादात इतनी बढ़ने लगी है कि अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए पलंग तक कम पड़ रहे हैं। अस्पताल में महिला और पुरुष वार्ड में मरीजों की बड़ी संख्या देखी जा सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि लगातार मौसम बदलने व अचानक गर्मी अधिक बढ़ने के कारण लोगों में वायरल फैल रहा है।
गर्मियों में मलेरिया सबसे घातक
मौसम बदलने के साथ ही लोगों में वायरल का दौर शुरू हो गया है और लोगों में हैजा, डारिया, डेंगू, मलेरिया व फीवर के सबसे अधिक मरीज देखने को मिल रहे हैं। गर्मियों के दिनों में सबसे अधिक घातक बीमारी मलेरिया है जो अन्य बीमारियों के इंफेक्शन से भी मानव शरीर में पैदा हो जाती है।
स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा असर स्वास्थ्य पर भी
गर्मी का असर स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। इस दिनों अस्पताल में जो मरीज आ रहे हैं उनमें उल्टी, दस्त, बुखार, सिरदर्द आदि के मरीज अधिक आ रहे हैं। सीनियर फिजिशियन डॉ. अजीत मिश्रा का कहना है कि रात में न्यूनतम तापमान बढ़ने कारण डिहाईडेशन, नींद कम आना, चिड़चिड़ापन आना जैसी शिकायत आती हैं।
गर्मी से ऐसे बचें
अत्याधिक शारीरिक श्रम वाली गतिविधियां दिन के अधिकतम तापमान वाले घंटों में न करें। सफेद व हल्के रंग के पतले वस्त्रों का उपयोग करें। सिर को कपड़े या टोपी से ढ़कें। जूते चप्पल तथा नजर के काले चश्में का प्रयोग करें। धूप में जाने से पहले भोजन व पर्याप्त पानी पिएं। अधिक से अधिक पेय पदार्थों (नॉन अल्कोहलिक) जैसे नींबू पानी, लस्सी, छाछए जलजीरा, आमपना, दही, नारियल पानी आदि का सेवन करें। ताजा एवं स्वच्छ भोजन का सेवन करें। शिशुओं तथा बच्चों, 65 बर्ष से अधिक आयु के महिला व पुरुष घर के बाहर काम करने वाले, मानसिक रोगियों तथा उच्च रक्तचाप वाले मरीजों का विशेष ध्यान रखें। बंद गाड़ी के अंदर का तापमान बाहर से अधिक होता है अतः कभी भी किसी को बंद पार्किंग में रखी गाड़ी में अकेला न छोड़े। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि में यात्रा गर्मी के मौसम में अत्यावश्यक होने पर ही करें। यदि किसी व्यक्ति को लू लगने का संदेह होता है तो उसे तत्काल ठंड स्थान पर रखें।
यह भी करें
– घरों में बिना मच्छरदानी के न सोएं।
– गर्मी या लू लगने पर संबंधित को ठंडे स्थान या पेड़ की छांव में लिटाएं।
– संबंधित के कपड़े ढीले कर करें।