November 25, 2024

प्रदेश में दो कांग्रेसी दिग्गज सहानुभूति कार्ड खेलकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं

0

भोपाल
 मप्र के छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने पुत्र और कांग्रेस प्रत्याशी नकुल नाथ के लिए वोट मांगते समय जिस तरह अपने वर्षों पुराने संबंधों का हवाला देकर सहानुभूति का कार्ड खेला, उसी राह पर राजगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी चल रहे हैं।

नामांकन पत्र जमा करने से पूर्व उन्होंने ‘वादा निभाओ पदयात्रा’ निकालकर लोगों से संपर्क किया तो अब सनातनी और सहानुभूति का कार्ड खेला है। वह मतदाताओं को भावुक अपील वाला पत्र भेजकर याद दिला रहे हैं कि उनका राजगढ़ क्षेत्र से संबंध 50 वर्षों से एक साथी और अभिभावक का रहा है। उन्होंने सनातन धर्म के सिद्धांतों का हमेशा पालन किया। वोटों के लिए कभी अपने आराध्य के नाम का सहारा नहीं लिया।
सनातन विरोधी आरोप का काट

वह कहते हैं, 'उनके राघौगढ़ किले में 300 वर्षों से राघौजी की पूजा होती चली आ रही है। तीन हजार किलोमीटर से अधिक नर्मदाजी की परिक्रमा की और प्रतिवर्ष आषाढ़ी एकादशी पर पंढरपुर विट्ठोबा के दर्शन के लिए जाता हूं।' दरअसल, भाजपा रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आमंत्रण ठुकराने और हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने वाला बताकर दिग्विजय सिंह की घेराबंदी कर रही है। इसकी काट में उन्होंने यह पत्र भेजा है।

स्थानीय मुद्दों पर चुनाव का प्रयास

छिंदवाड़ा की तरह ही भाजपा का विशेष ध्यान राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र पर भी है। इसका कारण पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हैं, जो हमेशा भाजपा के निशाने पर रहते हैं। दिग्विजय भी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि उन्हें घेरने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी, इसलिए उनका प्रयास यह है कि चुनाव स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित हो जाए।

यही कारण है कि दिग्विजय सिंह जनसंपर्क और नुक्कड़ सभाओं में क्षेत्र के विकास की बात करने के साथ सीएम रहने के दौरान अपने द्वारा करवाए कार्यों को ही याद दिला रहे हैं। दिग्विजय जानते हैं कि भाजपा राम मंदिर, तुष्टीकरण और उनके मुख्यमंत्रित्वकाल को लेकर घेरने का प्रयास करेगी, इसलिए उन्होंने इसकी काट के तौर पर मतदाताओं को पत्र लिखा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *