प्रदेश के कई बूथ पर मतदान का बहिष्कार, बारां-छीपाबड़ौद के केंद्र पर पड़ा मात्र 1 वोट
जयपुर
मतदान के प्रति अब लोग जागरुक हो रहे हैं. चुनाव आयोग से लेकर नेताओं की अपील का नतीजा यह है कि अब पहले के मुकाबले वोटिंग प्रतिशत देखने को मिल रहा है. राजस्थान में दूसरे फेज में 13 सीटों पर शुरुआती दो घंटे में 11.78 प्रतिशत मतदान हुआ. कुछ एक बूथ को छोड़कर बाकी अन्य जगह लोगों में मतदान के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला रहा है. सुबह से मतदान केंद्रों पर लंबी लाइन देखने को मिल रही है.
हल्दी से पहले दुल्हन ने डाला वोट
झालावाड़ में हल्दी की रस्म छोड़कर अपना पहला वोट डालने दुल्हन मतदान केंद्र पर पहुंची. झालावाड़ के इमामबाड़ा क्षेत्र की रहने वाली नगमा की कल शादी है. इस बार नगमा का पहली बार वोटर लिस्ट में नाम आया. ऐसे में उसने ने अपना फर्ज निभाते हुए पहले वोट डालने की बात कही और हल्दी की रस्म के लिए जाने से पहले वह वोट डालने पहुंची.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हल्दी के लिए जाती हुई दुल्हन चुनरी के साए में जाती है. ऐसे में नगमा के घर वाले और परिचित उसको चुनरी के साए में ही मतदान केंद्र तक लेकर पहुंचे और उसका वोट डलवाया. नगमा शादी के बाद राजस्थान से बाहर चली जाएगी, ऐसे में उसने झालावाड़ में अपना पहला और आखिरी मतदान किया.
दुल्हन से पहले देश
वहीं, उदयपुर के चित्तौड़ संसदीय सीट पर मतदान के दौरान देबारी पंचायत में एक दुल्हा बारात चढ़ने से पहले पूरी बारात सहित ढोल धमाके से वोटिंग करने पहुंचा. देबारी निवासी जितेंद्र वैष्णव की बारात देबारी से 50 किमी दूर देलवाड़ा जाने से पहले पोलिंग बूथ पर पहुंची.
वसुंधरा राजे ने की थी ये अपील
खास बात है कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 24 अप्रैल को एक्स पर पोस्ट करके लोगों को ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि 26 अप्रैल को 2 सावे हैं. एक कन्यादान का और दूसरा मतदान का. दोनो ही जरूरी है, क्योंकि ज़्यादातर शादियाँ शाम को होती है. इस लिए सुबह करो मतदान और शाम को कन्यादान.
जोधपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और केद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी और पूर्व राजस्थान सीएम ने वोट डालने के बाद कैमरे को दिखाई स्याङी
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने झालावाड-बारन में डाला वोट
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अपने बेटे और 3 बार के सांसद दुष्यंत सिंह के संसदीय सीट पर पहुंचकर सुबह-सुबह वोट डालने के बाद कैमरे को अपनी उंगली में लगी स्याही दिखाई
जोधपुर से भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत ने परिवार संग डाला वोट
केंद्रीय मंत्री और सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत दूसरे चरण के लोकसभा चुनाव में जोधपुर लोकसभा सीट पर परिवार संग वोट डाला. पिछले लोकसभा चुनाव में शेखावत ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे को हराया था.
निर्दलीय प्रत्याशी रविंद सिंह भाटी ने बाडमेर में डाला वोट
बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने बाड़मेर में सुबह 7 बजे अपना वोट डाला. बागी रविंद्र भाटी पिछले विधानसभा चुनाव में शिव विधानसभा से विधायक चुने गए थे, लेकिन उन्होंने एक बार बागी होकर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया
दूसरे चरण में तेजी से मतदान हो रहा है. वोटिंग के बीच कई जगह ईवीएम खराबी की भी शिकायत आई, हालांकि बाद में दिक्कतें दूरे होने के बाद फिर से मतदान प्रक्रिया शुरू हुई.
3000 मतदाता में पड़े मात्र दो वोट
इस बीच कई मतदान केंद्रों पर मतदान बहिष्कार करने की तस्वीरें सामने आई है. अजमेर के नसीराबाद में बलवंता के मतदान बूथ सूने पड़े हुए हैं. पेयजल की समस्या को लेकर बलवंता के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया. पुलिस और प्रशासन ने लोगों को बहुत समझाने की कोशिश की, जिस पर मात्र दो वोट, जबकि गांव में कुल 3000 से अधिक मतदाता हैं.
बारां-छीपाबड़ौद में एक वोट डाला गया
इसके अलावा बारां-छीपाबड़ौद के हांडीखोह में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया. इस केंद्र मात्र एक वोट डाला गया. वहीं, खेड़ी गांव में भी मतदान का बहिष्कार किया गया था, लेकिन प्रशासन के समझाने पर दो घण्टे बाद मतदान शुरू हो गया. जैसलमेर के बूथ नंबर 142 पर लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया. गांव के नजदीक डंपिंग यार्ड बना हुआ है. इसी के कारण लोगों ने कुछ दिन पहले मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी थी.
विधायक समझाने पहुंचे
क्षेत्र के विधायक छोटू सिंह भाटी लोगों को मतदान के लिए समझाने पहुंचे. हालांकि, सुबह से ही ग्रामीण मतदान बूथ पर नहीं पहुंचे. यहीं नहीं बांसवाड़ा के आडीभीत बूथ पर लोगों ने वोटिंग करने से बहिष्कार कर दिया. बूथ के बाहर खड़े होकर मतदाताओं ने नाराजगी जताई. विस्थापितों ने पावर प्लांट से जुड़े कई मांगों को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया. मतदाताओं के बहिष्कार की सूचना के बाद प्रशासन हरकत में आया.