November 24, 2024

हरियाणा में नए चेहरों पर है दारोमदार, चुनावी रण से बाहर बैठकर संभाली कमान, प्रचार को देंगे धार

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हिसार.

हरियाणा में इस बार हो रहा लोकसभा चुनाव पिछले कई चुनावों से अलग है। हर बार चुनावी रण में कूदने वाले हरियाणा के कई राजनीतिक दिग्गज इस बार लोकसभा रण से बाहर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तीनों ही रण से बाहर बैठकर अपनी पार्टी की चुनावी कमान संभाले हुए हैं।

ओपी चौटाला उम्रदराज होने और दस साल सजा के चलते चुनावी मैदान में नहीं हैं, जबकि उनके बड़े बेटे और जननायक जनता पार्टी के संस्थापक डॉ. अजय सिंह चौटाला भी दस साल की सजा होने के चलते चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। पिछली बार चुनाव लड़ने वाले हुड्डा और दुष्यंत दोनों ने ही बाहर से अपनी-अपनी पार्टी की कमान संभाल रखी है। तीनों प्रत्याशियों के प्रचार को धार देंगे। पिछली बार पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोनीपत से और दुष्यंत ने हिसार से चुनाव लड़ा था और दोनों को हार का सामना करना पड़ा था। जजपा ने इस बार दुष्यंत चौटाला के स्थान पर हिसार से विधायक नैना चौटाला पर दांव खेला है। हालांकि, पहले तैयारी थी कि दुष्यंत को ही मैदान में उतारा जाए, लेकिन पार्टी के पदाधिकारियों के इस्तीफे के बाद संगठन को संभालने के लिए दुष्यंत ने फैसला लिया गया कि वह प्रदेशभर में प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे।

भजनलाल, बंसीलाल व छोटूराम का परिवार लोस चुनाव से बाहर
इस बार के चुनाव की खास बात ये है कि ये पहली बार है कि चौधरी बंसीलाल और चौधरी भजनलाल और सर छोटूराम का परिवार सियासी रण में नहीं है। इन तीनों के परिवारों से कोई भी सदस्य इस बार चुनावी मैदान में नहीं है। चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी लगातार दो बार से चुनाव हार रही थीं, इसलिए उनका टिकट काटकर राव दान सिंह को दिया गया है।
चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा के टिकट के हिसार से दावेदार थे, लेकिन रणजीत चौटाला बाजी मार ले गए। इसी प्रकार, छोटूराम की विरासत संभालने वाले चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे को हिसार से कांग्रेस के टिकट की आस थी, लेकिन इस बार यहां से जयप्रकाश जेपी को टिकट दिया गया है।

सभी दलों ने दिग्गजों का टिकट काट नए चेहरे पर खेला है दांव
इस बार भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा ने लोकसभा चुनावों में अपने कई पुराने चेहरों को विराम दिया है, जबकि कुछ नए चेहरों पर दांव खेला है। भाजपा ने करनाल से संजय भाटिया, सिरसा से सुनीता दुग्गल, सोनीपत से रमेश कौशिक, कुरुक्षेत्र से नायब सिंह सैनी से टिकट काटे हैं। भाजपा ने अशोक तंवर, मनोहर लाल, मोहनलाल बड़ौली, रणजीत चौटाला को लोकसभा चुनाव में उतारा हैं। कांग्रेस ने पुराने चेहरों में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भिवानी से श्रुति चौधरी, पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा को टिकट नहीं दिया है। कांग्रेस ने नए चेहरों में करनाल से दिव्यांशु बुद्धिराजा, फरीदाबाद से महेंद्र प्रताप, अंबाला से वरुण मुलाना और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी उतारा है। जजपा ने पिछली बार मैदान में रहे दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह इस बार चुनावी रण में नहीं उतारा।

इनेलो ने अभय चौटाला को कुरुक्षेत्र से और सुनैना चौटाला को हिसार से मैदान में उतारा है। पिछली बार ये दोनों ही नेता रण से बाहर थे। वहीं, कुरुक्षेत्र से भाजपा के टिकट पर दस साल बाद नवीन जिंदल किस्मत आजमा रहे हैं, पिछली बार आप से फरीदाबाद से ताल ठोकने वाले नवीन जयहिंद राजनीति छोड़ चुके हैं।

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