November 23, 2024

मई में राजस्थान जैसा तपेगा मध्य प्रदेश, पारा अभी से 42 पार

0

भोपाल
 पश्चिमी विक्षोभ, चक्रवाती तंत्र का असर कमजोर होने से राज्य में बारिश की गतिविधि कमजोर पड़ गई है।  प्रदेश में सूरज खूब तपा। प्रदेश के 33 स्थानों में रिकॉर्ड तापमान को देखें तो पता चलता है कि 22 जिलों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार चला गया। 6 जिलों में तापमान 42 डिग्री के पार पहुंच गया। रीवा सबसे गर्म जिला रहा, जहां तापमान 42.4 डिग्री दर्ज हुआ।

बेमौसम बारिश थमने के कारण पूरे राज्य के तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई। बालाघाट जिले का तापमान 6.6 डिग्री बढ़ा। दमोह, खंडवा, जबलपुर, रीवा, सतना और खजुराहो में तापमान 42 डिग्री या इसके पार पहुंच गया। राजधानी भोपाल में अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री दर्ज हुआ। मई महीने में प्रदेश का अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस पहुंचने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का सिस्टम अब कमजोर हो गया है. इस वजह से अगले कुछ दिन तक बारिश के आसार नहीं हैं. मई के पहले सप्ताह में एक सिस्टम एक्टिव हो सकता है. हालांकि, इसका प्रदेश में कितना असर रहेगा, यह एक-दो दिन में पता चलेगा. फिलहाल गर्मी का असर तेज ही रहने का अनुमान है.

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार  बेमौसम बारिश की गतिविधियां और कम हो जाएंगी। आज से अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है और मई महीने में तापमान बहुत तेजी से चढ़ सकता है।प्रमुख जिलों का तापमान देखा जाए तो भोपाल, ग्वालियर समेत 22 शहरों में तापमान 40 डिग्री से ज्यादा रहा।

मुख्य शहरों में जबलपुर में 42.2, भोपाल में 40.8, ग्वालियर में 41.1, खजुराहो में 42, मलाजखंड में 40, रतलाम में 40.2, सागर में 40.3, धार में 40.4, नर्मदापुरम में 40.5, नौगांव में 40.7, गुना में 40.8, शिवपुरी में 41, मंडला में 41, उमरिया में 41.3, टीकमगढ़ में 41.5, सीधी में 41.6, नरसिंहपुर में पारा 41.7, खंडवा में 42.1, दमोह में 42.2, सतना में 42.3, रीवा में 42.4 तापमान दर्ज किया गया।

मौसम विभाग ने क्या कहा?

सिंगरौली, सीधी, रीवा, मउगंज, सतना, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और पांढुर्णा में कहीं कहीं हल्की बारिश हो सकती है। कहीं—कहीं वज्रपात एवं झोकेदार हवाएं भी चल सकती है। बैतूल, सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों में बिजली चमकने के साथ हल्की आंधी चलने की संभावना जताई गई है।

बना था स्ट्रांग सिस्टम
भोपाल की सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अप्रैल की शुरुआत में ही वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ), साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन की वजह से ओले, बारिश-आंधी का स्ट्रॉन्ग सिस्टम बना था और मौसम प्रणालियां एक्टिव रही. इस कारण पूरे महीने करीब 20 दिन तक बारिश हुई थी, लेकिन आगे ऐसा कुछ नहीं है, इसके चलते तेज गर्मी का सामना प्रदेशवासियों को करना पड़ेगा.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *