झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बहन अंजनी सोरेन को टिकट दिया, इस पर भाजपा ने हमला बोला
रांची
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बहन अंजनी सोरेन को टिकट दिया है। इस पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हमला बोला है। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कैसे एक पारिवारिक पार्टी में आम जनता की योग्यताएं और आकांक्षाएं मारी जाती हैं इसका उदाहरण अंजनी सोरेन को टिकट मिलना है।
प्रतुल शाहदेव ने कहा ओडिशा में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अंजनी सोरेन प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और अब उन्हें ही मयूरभंज से टिकट दिया गया है। मतलब साफ है कि पूरा पावर सोरेन फैमिली में ही रहे इसकी कोशिश झामुमो में होती रही है उसी का विस्तार है अंजनी सोरेन को मयूरभंज से टिकट मिलना। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि शिबू सोरेन खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे हैं, फिलहाल सरकार के समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, पूर्व मुख्यमंत्री है और विधायक हैं। बसंत सोरेन चंपई सरकार में मंत्री है और कल्पना सोरेन पार्टी में बगैर कोई महत्वपूर्ण पद लिए झामुमो के स्टार प्रचारक हैं। अब ओडिशा के मयूरभंज से लोकसभा का टिकट भी शिबू सोरेन ने अपनी बेटी को दे दिया है। भाजपा प्रवक्ता ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या मयूरभंज में झामुमो का कोई कार्यकर्ता या नेता नहीं था जिसे टिकट दिया जा सकता था।
बता दें कि शिबू सोरेन की बेटी अंजनी सोरेन लोकसभा चुनाव में फिर से अपनी किस्मत आजमाएंगी। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से हेमंत सोरेन की बहन अंजनी को ओडिशा की मयूरभंज सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। पिछली बार भी पार्टी ने उन्हें इसी सीट से उम्मीदवार बनाया था। अंजनी का मुकाबला मयूरभंज की सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नबा चरण माझी और बीजू जनता दल (बीजेडी) के सुदाम मरांडी से है। अंजनी सोरेन को पार्टी की ओर से पिछले 2019 लोकसभा चुनाव में भी मयूरभंज सीट से टिकट दिया गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में अंजनी सोरेन को 1,35,552 वोट मिले थे और तीसरे नंबर पर रही थीं। इस सीट से भाजपा के बिशेश्वर टुडू को इस सीट से जीत मिली थी।